परमधर्मपीठ ने किया सृष्टि की देखभाल का आह्वान

अमरीकी राज्यों के संगठन (ओएएस) में, परमधर्मपीठ के स्थायी पर्यवेक्षक, मान्यवर सेर्रानो ने हैती के लोगों और तूफान मेलिसा से प्रभावित लोगों के साथ वाटिकन की एकजुटता व्यक्त की तथा अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से शांति, स्थायित्व और पर्यावरण संरक्षण का आग्रह किया।

अमरीकी राज्यों के संगठन (ओएएस) की स्थायी परिषद के दो अलग-अलग सत्रों में, परमधर्मपीठ के स्थायी पर्यवेक्षक, मान्यवर हुवान अन्तोनियो क्रूज़ सेर्रानो ने हैती के लोगों और तूफान मेलिसा से प्रभावित लोगों के साथ वाटिकन की एकजुटता व्यक्त की तथा अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से शांति, स्थायित्व और पर्यावरण संरक्षण के लिए नए सिरे से प्रतिबद्धता के साथ कार्य करने का आग्रह किया।

शांति व स्थायित्व की अपील
मान्यवर सेर्रानो ने कहा कि परमधर्मपीठ हैती के लोगों के सामने आने वाली गंभीर मानवीय और सामाजिक चुनौतियों पर करीबी नजर रख रहा है। “स्थिरता और शांति पर महासचिव द्वारा प्रस्तुत रोडमैप,” को उन्होंने "एक ऐसा माध्यम निरूपित किया जो जो असुरक्षा, गरीबी और हिंसा से ग्रस्त विकट और नाटकीय वास्तविकता को चर्चा के केंद्र में रखता है।" उन्होंने तूफान मेलिसा से हुई तबाही सहित जलवायु परिवर्तन के बिगड़ते प्रभावों की ओर भी ध्यान आकर्षित किया।

हाल ही में विश्व खाद्य दिवस पर सन्त पापा लियो 14 वें द्वारा विश्व खाद्य संगठन में दिये प्रभाषण याद करते हुए मान्यवर क्रूज़ सेर्रानो ने कहा, "इतने सारे लोग जो अभी भी पीड़ित हैं, उनके भूखे चेहरे हमें चुनौती देते हैं और हमें आज की दुनिया में अपनी जीवनशैली, अपनी प्राथमिकताओं और जीने के अपने समग्र तरीके पर पुनर्विचार के लिए आमंत्रित करते हैं... अंतर्राष्ट्रीय समुदाय इन पीड़ितों को अनदेखा नहीं कर सकता। हमें उनकी पीड़ा को अपनी पीड़ा बनाना होगा।"

उन्होंने कहा कि परमधर्मपीठ “हैती के लोगों के प्रति अपनी निकटता की पुनरावृत्ति करती तथा शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरु सभी पहलों को निरंतर समर्थन देती है।”

सन्त पापा लियो की सहानुभूति
इसी बीच, करीबियाई क्षेत्रों में तूफान के प्रभाव पर विचार-विमर्श के दौरान, परमधर्मपीठ के प्रतिनिधि ने जामायका, हैती, डोमिनिकन गणराज्य, क्यूबा और बहामास की सरकारों एवं लोगों के प्रति "सन्त पापा लियो 14 वें के दुःख, प्रार्थना और आध्यात्मिक निकटता" को व्यक्त किया।

तूफ़ान के कारण भयंकर बाढ़ आई, लोगों की जानें गई, विस्थापन हुआ और घरों, बुनियादी ढाँचे, स्कूलों एवं अस्पतालों को भारी नुकसान पहुँचा। मान्यवर क्रूज़ सेर्रानो ने कहा कि कलीसिया, स्थानीय समुदायों और कारितास एवं काथलिक राहत सेवाओं जैसे संगठनों के माध्यम से, "इस कठिन और अनिश्चित समय में प्रभावित लोगों तक पहुँचने का प्रयास कर रही है।"

सृजन की साझा ज़िम्मेदारी
उन्होंने पारिस्थितिक ज़िम्मेदारी के लिए वाटिकन के आह्वान की पुनः पुष्टि की तथा "ठोस कार्यों के माध्यम से और सबसे बढ़कर, महत्वपूर्ण राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय राजनीतिक निर्णयों के माध्यम से प्रकृति की देखभाल करने की अनिवार्यता" पर बल दिया।  

मान्यवर क्रूज़ सेर्रानो ने निष्कर्ष निकाला कि परमधर्मपीठ, "प्रकृति के विरुद्ध किए जा रहे दुर्व्यवहारों के बारे में सरकारों और नागर समाज के बीच जागरूकता बढ़ाने तथा प्रत्येक देश के पर्यावरण एवं प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के कर्तव्य को पूरा करने के लक्ष्य से किये गये (ओएएस) के कार्यों की सराहना करती है", क्योंकि उन्होंने कहा, "सृष्टि की देखभाल और सुरक्षा करना सभी की जिम्मेदारी है।"