गालाघार: सैन्य रणनीतियाँ मानवता का सिद्धांत नहीं भूलें
वाटिकन राज्य के विदेश सचिव महाधर्माध्यक्ष पौल गालाघार ने गुरुवार को इज़राइल के 76 वें स्वतंत्रता समारोह के अवसर पर, यहूदी विरोधी भावना के खिलाफ सहयोग करने और हमास द्वारा बंधक बनाए गए लोगों की रिहाई तथा यहूदी चरमपंथियों के ईसाई विरोधी कृत्यों एवं गाज़ा में भारी सैन्य कार्रवाई पर रोक लगाने का आह्वान किया।
वाटिकन विदेश सचिव महाधर्माध्यक्ष गालाघार ने यहूदी विरोधी भावना के खिलाफ सहयोग करने तथा हमास द्वारा बंधक बनाए गए लोगों की रिहाई हेतु सन्त पापा फ्राँसिस की अपील को दुहराया। साथ ही यहूदी चरमपंथियों के ईसाई विरोधी कृत्यों की निन्दा की और गाज़ा में "भारी सैन्य कार्रवाई पर अपनी प्रतिक्रिया दर्शाते हुए स्पष्ट किया कि "नैतिक रूप से परमधर्मपीठ इसके प्रति उदासीन" नहीं रह सकती।
संक्षेप में इज़राएल एवं परमधर्मपीठ के बीच तीस साल के राजनयिक संबंधों पर प्रकाश डालते हुए महाधर्माध्यक्ष गालाघार ने आशा व्यक्त की कि इज़राएल एवं गाज़ा में शांति, "जिसकी बहुत सख्त जरूरत है, जितनी जल्दी हो सके, हासिल की जाये।"
महाधर्माध्यक्ष ने "हमास और अन्य मिलिशिया द्वारा इज़राएली लोगों के खिलाफ 7 अक्टूबर के भयानक आतंकवादी हमले" को याद किया, जिसमें "कई यहूदियों सहित सैकड़ों लोगों को बेरहमी से मार डाला गया, बलात्कार किया गया और बर्बरतापूर्वक बंधक बना लिया गया"।
पोप फ्रांसिस के शब्दों को उद्धृत करते हुए उन्होंने कहा: "आतंकवाद किसी भी संघर्ष का समाधान नहीं है; यह मानव जीवन के लिए पूरी तरह से अवमानना का कार्य है, इसलिए राजनीतिक हो या धार्मिक कारण इसका कोई औचित्य नहीं।" अपहृत लोगों की तत्काल रिहाई हेतु उन्होंने एक बार फिर अपील की।
गाज़ा में इज़राएल की हिंसक सैन्य प्रतिक्रिया पर भी महाधर्माध्यक्ष गालाघार ने दुख व्यक्त किया, जिसमें अब यमन और लेबनान भी शामिल हो गये हैं। उन्होंने कहा कि इन दुखद परिदृश्यों के समक्ष, तटस्थ रहने के बावजूद, परमधर्मपीठ उदासीन नहीं रह सकती। उन्होंने कहा कि वाटिकन "किसी के लिए अपने दरवाजे बंद नहीं करता और हर किसी के दृष्टिकोण को समझने का प्रयास करता है।"
उन्होने कहा, "मानवता के मूल सिद्धांत को कभी भी सैन्य रणनीतियों द्वारा छोड़ा या ग्रहण नहीं किया जाना चाहिए, अन्यथा आवश्यकता और आनुपातिकता के सिद्धान्तों से समझौता करना पड़ सकता है, जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।"