गज़ा के लोग भूख से मर रहे हैं और दुनिया उनकी अनदेखी कर रही है

गज़ा में कम से कम 57 फिलिस्तीनी भूख से मर गए हैं, क्योंकि इस्राएल द्वारा घेरे गए क्षेत्र में मानवीय सहायता पर रोक, लगातार बमबारी के बीच तीसरे महीने भी जारी है।

2 मार्च 2025 को इस्राएली सशस्त्र बलों द्वारा गजा में मानवीय सहायता के लिए सभी प्रवेश द्वार बंद किए जाने के बाद से दो महीने से ज़्यादा समय बीत चुका है। पूरे दो महीने में न तो भोजन, न ही पीने का पानी, न ही दवा या कोई अन्य जरूरी सामान गजा पहुँचा है।

गजा से भागकर इटली में अपने परिवार के साथ सुरक्षित रह रहे एक फिलिस्तीनी पत्रकार ने अपने पिता से मिलनेवाले निराशा भरे फोन कॉल के बारे में बताया, जिसमें वे आग्रह करते हैं: “मुझे एक किलो आटा दिलाने का कोई तरीका खोजो।”

युद्ध के हथियार के रूप में भोजन और पानी का उपयोग अस्वीकार्य है। किसी आबादी को भूखा रखकर उसे भागने पर मजबूर करना उचित नहीं है।

पिछले हफ़्ते इस्राएली वायु सेना के ड्रोन ने अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में हमला किया - माल्टा से 13 किलोमीटर उत्तर में - जब उन्होंने गजा पट्टी में सहायता पहुँचाने की कोशिश कर रहे मानवीय जहाजों के बेड़े को निशाना बनाया। यह एक जानबूझकर और सचेत इरादे को दर्शाता है।

इस बीच, लगभग 2.4 मिलियन गज़ावासी भूख से मर रहे हैं और निराशा में हैं। न केवल भूख के कारण, बल्कि एक ऐसी दुनिया की बहरी चुप्पी - निंदा या विरोध नहीं होने- के कारण भी निराशा में हैं जो पाखंडी रूप से खुद को "सभ्य" कहती है।