काथलिक पुरोहितों द्वारा मणिपुर में विस्थापितों हेतु परियोजना

भारतीय धर्मप्रांतीय पुरोहित सम्मेलन (सीडीपीआई) ने मणिपुर में हाल के सांप्रदायिक और जातीय दंगों के कारण विस्थापित हुए परिवारों की सहायता के लिए आवास पुनर्वास परियोजना शुरू करने की घोषणा की है।

परियोजना
काथलिक कनेक्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस पहल का उद्देश्य प्रभावित परिवारों के लिए नए घरों का निर्माण करना है, जिसमें प्रत्येक इकाई की अनुमानित लागत लगभग 4 लाख रुपये यानि लगभग $4,900 अमरीकी डॉलर होगी। इस परियोजना की आधिकारिक शुरुआत इसी महीने की गई थी और इसका उद्देश्य आंतरिक रूप से विस्थापित परिवारों के लिए घर निर्माण हेतु अधिक धन जुटाना है।

इस मानवतावादी परियोजना को वित्तपोषित करने के लिए, भारतीय धर्मप्रांतीय पुरोहित सम्मेलन (सीडीपीआई) ने ‘मणिपुर को न्यूनतम 500 रुपए’ अनुदान की पेशकश की है, जिसमें धर्मप्रांतीय काथलिक पुरोहित वर्ग के प्रत्येक सदस्य से कम से कम 500 रुपए यानि कि लगभग 6.10 अमरिकी डॉलर का योगदान देने का आग्रह किया गया है। अनुदान एकत्र करने का कार्यक्रम पूरे जुलाई और अगस्त माह में जारी रहेगा। जमा राशि इम्फाल महाधर्मप्रान्त के सिपुर्द कर दी जायेगी जो फरवरी 2025 तक घरों के निर्माण का प्रबन्ध करेगा।

विस्थापितों के हित में
धर्मप्रान्तीय पुरोहितों के समक्ष रखी गई यह चुनौती उदारता पर सन्त पौल की शिक्षाओं से प्रेरित है। कुरिन्थियों के दूसरे पत्र के नवें अध्याय के सातवें पद में सन्त पौल “हर्ष और हृदय से दान” करने पर बल देते हैं।

परियोजना के संरक्षक धर्माध्यक्ष वर्गीस चक्कलकल ने पुरोहित वर्ग के सभी सदस्यों से ईमानदारीपूर्वक सहयोग करने का आह्वान किया है। बताया गया कि पारदर्शिता बनाए रखने और जवाबदेही को बढ़ावा देने के लिए योगदान की विस्तृत रिपोर्ट पुरोहित वर्ग के बीच साझा की जाएगी।

आयोजकों ने कहा है कि यह पहल न केवल भौतिक संरचनाओं के पुनर्निर्माण के बारे में है, बल्कि पुरोहित बिरादरी के भीतर संबंधों को मजबूत करने और मणिपुर में दंगों से तबाह हुए लोगों के जीवन में एक ठोस बदलाव लाने के बारे में भी है।

हिंसा के कारण विस्थापित
जिनेवा स्थित आंतरिक विस्थापन निगरानी केंद्र (आईडीएमसी) द्वारा आंतरिक विस्थापन पर 2024 की वैश्विक रिपोर्ट के अनुसार, पूर्वोत्तर भारतीय राज्य मणिपुर ने पिछले साल दक्षिण एशिया में संघर्ष और हिंसा के कारण सबसे अधिक विस्थापन का अनुभव किया। रिपोर्ट से पता चला है कि दक्षिण एशिया में विस्थापित कुल 69,000 लोगों में से अकेले मणिपुर में 67,000 लोग विस्थापित हुए।

इनमें से ज़्यादातर विस्थापन मणिपुर में सांप्रदायिक हिंसा में वृद्धि के कारण हुए, जिसकी शुरुआत 3 मई, 2023 को चुराचांदपुर ज़िले में विरोध प्रदर्शनों के साथ हुई थी। हिंसा बाद में इम्फाल, बिष्णुपुर, टेंग्नौपाल और कांगपोकपी सहित अन्य ज़िलों में फैल गई, जिससे बड़े पैमाने पर विस्थापन हुआ।