संघर्ष और हिंसा के समापन और संसाधनों के धारणीय दोहन का आग्रह

पापुआ न्यू गिनी में शनिवार को पोप फ्राँसिस ने दशकों से जारी जनजातीय संघर्षों को समाप्त करने का आह्वान किया तथा इसके प्राकृतिक संसाधनों के धारणीय दोहन एवं समतापूर्ण विकास की अपील की। इस यात्रा के दौरान उन्होंने महिलाओं के खिलाफ हिंसा की समस्या पर भी चिन्ता व्यक्त की।

दक्षिण प्रशांत क्षेत्र के देश पापुआ न्यू गिनी में पोप ने अपना पहला पूरा दिन राजनैतिक और कलीसियाई संबंधी गतिविधियों के मिश्रण के साथ शुरू किया, जिसके दौरान घास की स्कर्ट पहने नर्तकियों ने फूल मालाओं को हाथ में लिये उनका हार्दिक स्वागत किया। शनिवार को पोर्ट मोरस्बी में उन्होंने पापुआ न्यू गिनी के गवर्नर जनरल से मुलाकात की तथा वरिष्ठ सरकारी, प्रशासनिक, नागर अधिकारियों एवं देश में कार्यरत राजनयिक कोर के सदस्यों को संबोधित करने से पूर्व सड़क पर जीवन यापन करनेवाले बच्चों तथा उनके हित में काम करनेवाले लोकोपकारी संगठन के कार्यकर्त्ताओं से मुलाकात की।

शनिवार को ही पोप ने पापुआ न्यू गिनी तथा सोलोमन द्वीप के  काथलिक धर्माध्यक्षों, पुरोहितों, उपयाजकों, धर्मसमाजियों एवं धर्मसंघियों से मुलाकात की।

सार्वभौमिक काथलिक कलीसिया के परमधर्मगुरु पोप फ्रांसिस इस समय दक्षिण-पूर्व एशिया और ओशिनिया के चार देशों की 11 दिवसीय प्रेरितिक यात्रा पर हैं, जो उनके परमाध्यक्षीय काल की सबसे लंबी और सबसे चुनौतीपूर्ण यात्रा है। शुक्रवार शाम अपनी यात्रा के दूसरे चरण की शुरुआत करने के लिए सन्त पापा इंडोनेशिया के जकार्ता से राष्ट्रमंडल राष्ट्र की राजधानी पोर्ट मोरेस्बी पहुंचे थे।  

शिष्टाचार भेंट
पापुआ न्यू गिनी में अपनी यात्रा का शुभारम्भ करते हुए शनिवार प्रातः पोप फ्राँसिस ने पापुआ न्यू गिनी के गवर्नर-जनरल सर बॉब दादाई से पोर्ट मोरेस्बी में एक बहुत ही "औपनिवेशिक" दिखने वाले सरकारी आवास में शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर पापूआ न्यू गिनी के काथलिक धर्माधिपति कार्डिनल जॉन रीबात भी उनके साथ थे। 2016 में पोप फ्राँसिस ने आपको देश के पहला कार्डिनल घोषित किया था तथा इसी वर्ष आप महारानी एलिजाबेथ द्वारा नाइटहुड की उपाधि से सम्मानित किये गये थे।

सन् 1975 में ऑस्ट्रेलिया से स्वतंत्रता प्राप्त करने वाला पापुआ न्यू गिनी एक स्वतंत्र राष्ट्रमंडल राष्ट्र है, जो चार्ल्स तृतीय को अपना राजा मानता है।

आज पापुआ न्यू गिनी में रहने वाली 600 से अधिक जनजातियाँ मनुष्यों के उस समूह से निकली हैं जो लगभग 40,000 साल पहले एक आदिम नाव में यहाँ उतरे थे। 800 से भी अधिक बोली जानेवाली भाषाएँ, लोगों में व्याप्त दुनिया के अलग-अलग नज़रिए और गर्व से प्रकट सांस्कृतिक पहचानों की समृद्धि को प्रतिध्वनित करती हैं, जिन्हें अतीत या वर्तमान, राजनैतिक या आर्थिक उपनिवेशवाद कभी भी खत्म नहीं कर पाएगा।

असाधारण सांस्कृतिक समृद्धि
शनिवार प्रातः गवर्नर जनरल के साथ शिष्टाचार भेंट के उपरान्त वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों को सम्बोधित शब्दों में सन्त पापा फ्राँसिस ने ख़ुद पापुआ न्यू गिनी की सांस्कृतिक समृद्धि पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए अधिकारियों को बताया कि वे लोगों की असाधारण सांस्कृतिक समृद्धि से बहुत प्रभावित हैं। उन्होंने कहा, "मुझे यह स्वीकार करना होगा कि यह बात मुझे, आध्यात्मिक स्तर पर भी, बहुत आकर्षित करती है, क्योंकि मैं कल्पना करता हूँ कि यह विशाल विविधता पवित्र आत्मा के लिए एक चुनौती है, जो मतभेदों के बीच सामंजस्य स्थापित करते हैं!"

सांस्कृतिक समृद्धि से सम्पन्न पापुआ न्यू गिनी में भूमि को लेकर आदिवासी हिंसा और अन्य विवादों के सन्दर्भ में सन्त पापा ने यह भी कहा कि इस तरह की विविधता ने यहां लंबे समय से संघर्ष को जन्म दिया है, जो हाल के वर्षों में और अधिक घातक हो गए हैं। इस सन्दर्भ में सन्त पापा ने नागर ज़िम्मेदारी और सहयोग की भावना को बढ़ावा देने की अपील की, ताकि सभी को लाभ मिल सके। उन्होंने कहा, "मेरी विशेष आशा है कि आदिवासी हिंसा समाप्त हो, जो लोगों को शांति में जीवन यापन से रोकती है और विकास में बाधा डालती है,"

महिलाओं के सम्मान का आग्रह
धन और संसाधनों  के वितरण और खनन रॉयल्टी पर निरन्तर बने रहनेवाले विवादों के मद्देनज़र सन्त पापा फ्रांसिस ने सोना, निकल और प्राकृतिक गैस जैसे देश के विशाल प्राकृतिक संसाधनों के निष्पक्ष वितरण और पर्यावरण की दृष्टि से टिकाऊ निष्कर्षण का भी आग्रह किया।

महिलाओं के विरुद्ध हिंसा की समाप्ति तथा उनके अधिकारों की सुरक्षा का आह्वान करते हुए पोप फ्राँसिस ने स्मरण दिलाया कि महिलाएं "वे हैं जो देश को आगे ले जाती हैं, वे जीवन देती हैं, देश का निर्माण करती हैं और उसे आगे बढ़ाती हैं, हमें महिलाओं को नहीं भूलना चाहिए जो मानव और आध्यात्मिक विकास की अग्रिम पंक्ति में हैं।"

संयुक्त राष्ट्र संघीय एक रिपोर्ट के अनुसार, पापुआ न्यू गिनी की 60% महिलाओं ने अपने जीवन में किसी न किसी समय अपने अंतरंग साथी से शारीरिक और यौन हिंसा का अनुभव किया है, जो वैश्विक औसत से दोगुना है। 2021 में संयुक्त राष्ट्र संघीय लैंगिक असमानता सूचकांक में पापुआ न्यू गिनी 161 देशों में से 160 वें स्थान पर था।