वाटिकन ने ओलंपिक उद्घाटन समारोह में ख्रीस्तियों के प्रति अपमान की निंदा की

परमधर्मपीठ ने पेरिस ओलंपिक 2024 के उद्घाटन समारोह में कुछ दृश्यों पर दुःख प्रकट करते हुए कहा है कि “एक प्रतिष्ठित समारोह में, जहाँ पूरी दुनिया समान मूल्यों को साझा करने के लिए एक साथ आती है, लोगों की धार्मिक मान्यताओं का उपहास करनेवाले संकेत नहीं होने चाहिए।”

परमधर्मपीठ ने 26 जुलाई को पेरिस ओलंपिक खेलों के उद्घाटन समारोह के दौरान इसके कुछ हिस्सों के लिए दुःख एवं खेद प्रकट किया है।

ख्रीस्तीयों और अन्य धर्मावलंबियों के प्रति अपमान
वाटिकन ने एक बयान जारी कर कहा है कि "पेरिस ओलंपिक खेलों के उद्घाटन समारोह के दौरान कुछ दृश्यों से परमधर्मपीठ दुःखी है और हाल के दिनों में कई ख्रीस्तीयों एवं अन्य धर्मों के विश्वासियों के प्रति अपमान की निंदा करने के लिए जो आवाजें उठ रही हैं, उनमें शामिल हो सकता है।"

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में दूसरों के सम्मान की आवश्यकता
बयान में आगे कहा गया है, “एक प्रतिष्ठित कार्यक्रम में जहाँ पूरी दुनिया समान मूल्यों को साझा करने के लिए एक साथ आती है, वहाँ लोगों की धार्मिक मान्यताओं का उपहास करनेवाले कोई संकेत नहीं होने चाहिए।”

इस बात पर जोर देते हुए कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सवाल नहीं उठाया जा रहा है, बयान में स्पष्ट किया गया है कि ऐसी स्वतंत्रता “दूसरों के सम्मान से सीमित है।”