भव्य आयोजन में इंदौर कैथोलिक डायसीज़ में नये बिशप का धर्माध्यक्षीय अभिषेक

इंदौर: विशेष अनुष्ठानों और समारोहों के बीच, इंदौर के कैथोलिक धर्मप्रांत में शुक्रवार को सेंट पॉल हायर सेकेंडरी स्कूल मैदान में इंदौर धर्मप्रांत के नए बिशप थॉमस मैथ्यू कुट्टीमाक्कल का धर्माध्यक्षीय अभिषेक समारोह संपन्न हुआ।
धर्माध्यक्षीय अभिषेक समारोह शुक्रवार 5 अप्रैल शाम 5.30 बजे शुरू हुआ, जो नेतृत्व के आधिकारिक परिवर्तन का प्रतीक था क्योंकि बिशप थॉमस मैथ्यू कुट्टीमाक्कल ने सेवानिवृत्त बिशप स्वामी चाको थोट्टुमरिकल से पदभार ग्रहण किया।
देश के विभिन्न हिस्सों से 22 बिशपों की उपस्थिति के साथ, यह आयोजन इंदौर में कैथोलिक समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर था। लगभग तीन घंटे की धर्माध्यक्षीय अभिषेक समाहरोह में बिशप थॉमस मैथ्यू कुट्टीमाक्कल के हाथों का तेल से अभिषेक करके, पवित्र बाइबिल की प्रस्तुति प्रदान करके एवं पारंपरिक पोशाक पहनाकर यह धर्माध्यक्षीय अभिषेक समारोह संपन्न हुआ।
कैथोलिक डायसिस इंदौर के पीआरओ फादर सुमित ताहिर ने कहा, "कैथोलिक कलीसिया के नियमानुसार, बिशप आमतौर पर 75 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होते हैं। बिशप चाको, जिन्होंने 16 वर्षों तक इंदौर धर्मप्रांत का नेतृत्व किया है।'' 
देश के विभिन्न हिस्सों से कुल 22 बिशप और 300 से अधिक पुरोहित और धर्मबहन राज्य के 3000 से अधिक भक्तों के साथ इंदौर में इस समारोह के लिए एकत्र हुए।
पारंपरिक अनुष्ठानों के अनुसार प्रक्रिया में शामिल पवित्रता और प्रोटोकॉल के अनुसार केवल एक बिशप ही दूसरे बिशप को नियुक्त कर सकता है।
फादर सुमित ने कहा, "पूर्व बिशप चाको ने अन्य बिशपों के साथ समारोह के अनुसार पवित्र तेल से नए बिशप का अभिषेक किया।" समारोह के दौरान, पोप के पोप बुल (पोप द्वारा जारी आदेश/पत्र) को उसके बाद लैटिन और अंग्रेजी में पढ़ा गया।
बिशप थॉमस मैथ्यू का चयन और अनुमोदन, एक कठोर नामांकन प्रक्रिया के बाद हुआ, जिसकी परिणति 17 फरवरी को वेटिकन सिटी द्वारा उनकी नियुक्ति में हुई।


जीवनी: बिशप थॉमस मैथ्यू कुट्टीमाक्कल

पोप फ्रांसिस ने 17 फरवरी, 2024 को फादर थॉमस मैथ्यू कुट्टीमाक्कल को इंदौर का बिशप नियुक्त किया।
बिशप कुट्टीमक्कल का जन्म 25 फरवरी, 1962 को कोठामंगलम धर्मप्रांत के कल्लूरकाड में हुआ था। उन्होंने भोपाल में ख्रीस्त प्रेमालय फिलोसोफेट और थियोलोगेट सेमिनरी में दर्शनशास्त्र और धर्मशास्त्र का अध्ययन किया।
उन्हें 25 नवंबर 1987 को इंदौर धर्मप्रांत के लिए पुरोहित नियुक्त किया गया था। उन्होंने निम्नलिखित पद संभाले: इंदौर के कैथेड्रल के सहायक पल्ली पुरोहित (1987-1990); झाबुआ में सहायक पल्ली पुरोहित (1990-1992); सहायक प्रमुख (1992-1998) और इंदौर में एक स्कूल के प्रमुख (1998-2002); झाबुआ में माइनर सेमिनरी के उप-रेक्टर (2002-2004); एक डायोसेसन स्कूल के निदेशक (2004-2009); देवास में पल्ली पुरोहित (2009-2015); देवास के पल्ली पुरोहित और डीन (2015-2021); 2021 से, इंदौर कैथेड्रल के पल्ली पुरोहित।

कैथोलिक धर्मप्रांत इंदौर के लिए नए धर्माध्यक्ष की नियुक्ति

द सोसायटी ऑफ़ द डिवाइन वर्ड जिसे लैटिन भाषा में Societas Verbi Divini, SVD के रूप में संक्षेपित किया जाता है और लोकप्रिय तौर पर द डिवाइन वर्ड मिशनरिज़ भी कहा जाता है। इस सोसायटी की स्थापना 1875 में नीदरलैंड्स के स्टेल में सन्त आर्नोल्ड जान्सेन द्वारा की गई थी। सन 1932 SVD सोसायटी द्वारा इंदौर में मिशन कार्य का शुभारम्भ हुआ। इस धर्मप्रांत के अंतर्गत वर्तमान के भोपाल आर्चडायोसिस का अधिकतम भाग तथा उज्जैन, खंडवा, झाबुआ और इंदौर धर्मप्रान्त शामिल हैं। सन 1935 में इंदौर को प्रीफेक्ट एपोस्टोलिक घोषित किया गया। जिसके प्रेरितिक प्रशासक पीटर जेनसन, SVD को नियुक्त किया गया तथा 1952 में इंदौर को एक धर्मप्रान्त के रूप में उद्घोषित किया गया एवं श्रद्धेय फादर फ्रांसिस सिमॉस, SVD प्रथम बिशप नियुक्त किये गए। सामान्यतः कैथोलिक कलीसिया में बिशप 75 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त हो जाते हैं। 74 की आयु तक पहुँचते ही प्रत्येक बिशप से ये अपेक्षा की जाती है कि वे अपना त्यागपत्र पोप को सौपे। इससे कलीसिया को उपयुक्त उत्तराधिकारी की खोज प्रक्रिया प्रारंभ करने में सुविधा होती है। विशेष परिस्थितियों में वे अपना त्यागपत्र इससे भी पहले भेज सकते हैं। जैसे की बिशप सिमोंस ने अपना त्यागपत्र 1971 में प्रेषित किया और हॉलैंड वापस जाने का निर्णय लिया। इसीलिए नए बिशप की नियुक्ति तक एक प्रशासक को नियुक्त किया गया। तत्पश्चात, बिशप जॉर्ज अनाथिल SVD के रूप में इंदौर धर्मप्रान्त प्रथम भारतीय बिशप प्राप्त हुआ। वर्ष 2008 तक बिशप जॉर्ज अनाथिल SVD कार्यभार संभाला। तत्पश्चात 2008 में बिशप चाको थोटूमरिकल, SVD को झाबुआ धर्मप्रान्त से इंदौर धर्मप्रान्त स्थानांतरित किया गया।
बिशप चाको थोटूमरिकल ने 16 वर्षों तक कुशलता पूर्वक इंदौर धर्मप्रान्त संभाला और इंदौर धर्मप्रान्त के उठान में कोई कसर नहीं छोड़ी। सेंट पॉल हायर सेकेंडरी स्कूल के परिसर में सेंट पॉल इंस्टिट्यूट ऑफ़ प्रोफेशनल स्टडीज की शुरुआत, जो आज राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद द्वारा A+ मान्यता प्राप्त एक स्वायत्त कॉलेज बन गया है; रालामंडल के पास बाय पास रोड पर सेंट फ्रांसिस अस्पताल तथा रिसर्च सेंटर की स्थापना; आत्मदर्शन टी.वी. इंदौर की स्थापना, जो उत्तर भारत में और उससे भी आगे हर घर में प्रवेश कर चुका है और सेंट पॉल प्राइमरी स्कूल को आधुनिक सुविधाओं के साथ पुराने परिसर से हाई स्कूल के करीब स्थानांतरित करना इत्यादि, इंदौर धर्मप्रान्त में बिशप चाको थोटूमरिकल के कुछ महत्वपूर्ण एवं सराहनीय योगदान रहें हैं। वर्ष 2016 में उनके कार्यकाल के दौरान एवं उनके नेतृत्व, में सेंट पॉल हायर सेकेंडरी स्कूल के प्रांगण में शहीद सिस्टर रानी मरिया को धन्य घोषित किया गया।
वैसे तो बिशप चाको के लिए निर्धन और धनवान दोनों समान थे लेकिन निर्धनों के प्रति उनका हृदय सदैव संवेदनशील और कोमल रहा। जब कोई भी जरूरतमंद उसके पास से खाली हाथ नहीं लौटा। विषेकर स्कूल फीस में कन्सेशन या अस्पताल के बिलों में कन्सेशन अथवा माफ़ी हेतु लोग उनके पास पहुँचते थे। उन्होंने उन सबकी भरसक मदद की। कोरोना काल में, इंदौर शहर में शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भरपूर योगदान देते हुए सबको अपनी दयालुता का परिचय दिया। कोरोना काल में गरीबों की सहायता हेतु उनके द्वारा किये गए कार्यों के लिए दैनिक भास्कर समाचार पत्र औपचारिक रूप से उन कार्यों के लिए सराहा और प्रकाशित भी किया।
75 वर्ष की आयु पूर्ण करने से पहले ही उन्होंने अपना त्यागपत्र अधिकारियों को सौंप दिया था। उनके त्यागपत्र को स्वीकार करते हुए, नए बिशप की नियुक्ति तक उन्हें प्रशासक के पद पर नियुक्त किया गया। 17 फरवरी, 2024 को नए बिशप मान्यवर थॉमस मैथ्यू कुट्टीमक्कल का नाम घोषित किया गया।
हम सब साक्षी है कि आज झाबुआ, खंडवा और अब इंदौर में हमारे पास धर्मप्रान्तीय पुरोहित हैं। ये सबों के लिए आनंद का विषय है विशेषकर सोसायटी ऑफ़ द डिवाइन वर्ड (SVD) के सभी मिशनरी पुरोहित के लिए क्योंकि प्रथानुसार जब एक धर्मप्रान्त पूर्ण रूप से स्थापित हो जाता है और अपने पुरोहितिक वर्ग के साथ आत्म-निर्भर होता है, तो वहां कार्यरत धार्मिक कांग्रीगेशन अपने सारे प्रशासकीय कार्य वहां के स्थानीय अथवा धर्मप्रांतीय पुरोहितिक वर्ग को सुपुर्द कर देते हैं।
2002 से 2008 तक झाबुआ के लोगों के बीच और इंदौर में वर्ष 2008 से बिशप चाको कि समर्पित सेवाओं के लिए हम उन्हें कोटि-कोटि धन्यवाद अदा करते हैं। बिशप चाको अब सेंट जोसफ होम, पालदा जाएंगे जो कि इस प्रान्त का SVD पुरोहितों का सेवानिवृत्ति आवास है। वे ईश्वर की इच्छा पूरी करते हुए देश भर के लोगों तक पहुँचते रहें और सक्रिय रहें। कृतज्ञता भरे दिल से विदाई देते हुए, हम प्रार्थना करते हैं कि ईश्वर उन्हें लम्बी आयु और अच्छे स्वास्थ्य की प्रदान करें। हम बिशप थॉमस मैथ्यू का हार्दिक स्वागत करते है। "कृतज्ञतापूर्वक सेवा करना" इनकाआदर्श वाक्य है। वे धर्मप्रान्त को पूरी क्षमता से सेवित करते रहें और इंदौर धर्मप्रान्त के पूर्व बिशप और मिशनरियों की विरासत को आगे बढ़ाते रहें। ईश्वर उसे आशीर्वाद दें और अपनी कृपा, बुद्धि और ज्ञान प्रदान करें ताकि वह अपने लोगों को ईसा के मार्ग पर मार्गदर्शन कर सके।