पोप जॉन पॉल द्वितीय की मृत्यु की 19वीं वर्षगांठ पर जागरण प्राथर्ना
2 अप्रैल, पोलिश पापा के निधन की सालगिरह, विभिन्न राष्ट्रीयताओं के कई विश्वासी न केवल इतालवी में, बल्कि चीनी, यूक्रेनी, अंग्रेजी और पोलिश में भी रोजरी माला का पाठ करने के लिए संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में एकत्र हुए।
विभिन्न राष्ट्रीयताओं के श्रद्धालु कल शाम, मंगलवार 2 अप्रैल को, संत जॉन पॉल द्वितीय की मृत्यु की उन्नीसवीं वर्षगांठ पर, रोज़री प्रार्थना करने के लिए एकत्र हुए। विभिन्न भेदों का पाठ चीनी, यूक्रेनी, अंग्रेजी, इतालवी और पोलिश में की गई। ये चिंतन 1990 के पास्का समारोह के अवसर पर स्वयं कहे गए संत पापा जॉन पॉल द्वितीय के संदेशों से लिए गए थे।
रोम में धर्माध्यक्ष और शहीद संत स्तानिस्लॉस गिरजाघऱ की सिस्टर मार्टिना प्रोस्ज़ेक द्वारा निर्देशित "गौडियम पोलोनिया" गायक मंडली ने विश्वासियों की पहल पर बनाए गए इस कार्यक्रम को संगीतमय पृष्ठभूमि प्रदान किया।
जागरण प्रार्थना के अंत में, संत पापा जॉन पॉल द्वितीय फाउंडेशन के निदेशक मंडल के अध्यक्ष, और संत स्तानिस्लॉस गिरजाघऱ के रेक्टर मोनसिन्योर पावेल पटाज़निक ने कहा, "हम संत पापा जॉन पॉल द्वितीय के लिए ईश्वर को धन्यवाद देते हैं, जो वर्षों पहले की तरह, हमें इस अंतरराष्ट्रीय, लेकिन सबसे ऊपर पोलिश, समुदाय में प्रार्थना करने के लिए एक साथ लाते हैं और हमें यकीन है कि वे हमारे मतलबों के लिए हमारे साथ प्रार्थना करते हैं।" साथ ही मोनसिन्योर पावेल ने प्रतिभागियों को उनकी उपस्थिति के लिए धन्यवाद दिया और उन्हें अपने परिवारों और समुदायों में प्रार्थना में बने रहने के लिए प्रोत्साहित किया।
संत जॉन पॉल द्वितीय की मृत्यु 2 अप्रैल 2005 को हुई। अंतिम संस्कार 8 अप्रैल 2005 को हुआ, जिसकी अध्यक्षता तत्कालीन कार्डिनल जोसेफ रात्ज़िंगर ने की, जो बाद में पेत्रुस के उत्तराधिकारी के रूप में चुने गये और अपना नाम बेनेडिक्ट सोलहवें रखा। संत पापा बेनेडिक्ट ने स्वयं 1 मई, 2011 को पोलिश पोप को धन्य घोषित किया, जबकि संत पापा फ्राँसिस ने 27 अप्रैल, 2014 को संत पापा जॉन तेईस्वें के साथ उन्हें संत घोषित किया।
उनके संत घोषित होने की दसवीं वर्षगांठ पर 27 अप्रैल को, शाम 5 बजे, संत पेत्रुस महागिरजाघर में एक पवित्र मिस्सा समारोह मनाया जाएगा। समारोह की अध्यक्षता कार्डिनल मंडल के डीन कार्डिनल जोवानी बतिस्ता रे करेंगे।