परमधर्मपीठ और इटली ने अक्षय ऊर्जा संयंत्र के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए

परमधर्मपीठ और इटली ने रोम के ठीक बाहर वाटिकन के संत मरिया दी गलेरिया क्षेत्र में एक कृषि-वोल्टेइक संयंत्र बनाने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसका उद्देश्य है वाटिकन सिटी को नवीकरणीय ऊर्जा की आपूर्ति करना।
पारिस्थितिक उत्तरदायित्व और सतत विकास को बढ़ावा देने की साझा प्रतिबद्धता को कायम रखते हुए और उस पर अमल करते हुए, परमधर्मपीठ और इटली ने गुरुवार को संत मरिया दी गलेरिया में एक कृषि-वोल्टेइक संयंत्र के निर्माण के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। यह रोम के निकट परमधर्मपीठ का एक क्षेत्र है।
इस समझौते पर 31 जुलाई 2025 को परमधर्मपीठ स्थित इतालवी दूतावास में हस्ताक्षर किए गए। वाटिकन विदेश सचिव, महाधर्माध्यक्ष पॉल रिचर्ड गलाघर ने परमधर्मपीठ की ओर से हस्ताक्षर किए, जबकि राजदूत फ्रांचेस्को दी नित्तो ने इतालवी गणराज्य का प्रतिनिधित्व किया।
पाँच अनुच्छेदों वाला यह समझौता, दोनों पक्षों द्वारा आंतरिक प्रक्रियाओं के पूरा होने की पुष्टि करनेवाली राजनयिक सूचनाओं के आदान-प्रदान के बाद लागू होगा।
इस पहल की सराहना परमधर्मपीठ और इटली के बीच मज़बूत द्विपक्षीय संबंधों की एक ठोस अभिव्यक्ति के रूप में की जा रही है। यह जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन और पेरिस समझौते के प्रति साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जो पोप फ्रांसिस के "समग्र पारिस्थितिकी" और हमारे साझा घर की देखभाल के आह्वान के अनुरूप है, जैसा कि 'लौदातो सी' में व्यक्त किया गया है।
कृषि-वोल्टाइक संयंत्र
संत मरिया दी गलेरिया में परमधर्मपीठ की संपत्ति पर स्थापित किए जानेवाले कृषि-वोल्टाइक संयंत्र का उद्देश्य भूमि के कृषि उपयोग को सुरक्षित रखते हुए वाटिकन सिटी स्टेट को नवीकरणीय बिजली प्रदान करना है।
इस परियोजना को प्राकृतिक परिदृश्य का सम्मान करने, पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने, सांस्कृतिक और पुरातात्विक विरासत की रक्षा करने और क्षेत्र के जल-भूवैज्ञानिक संतुलन को बनाए रखने के लिए सावधानीपूर्वक डिजाइन किया गया है।