कलीसिया द्वारा घोषित विश्व बाल दिवस की प्रस्तावना
वाटिकन के प्रेस कार्यलय में गुरुवार को संस्कृति और शिक्षा सम्बन्धी परमधर्मपीठीय परिषद के अध्यक्ष कार्डिनल होसे तोलेन्तीनो दे मेनदोन्सा ने कलीसिया द्वारा घोषित विश्व बाल दिवस की प्रस्तावना पत्रकारों के समक्ष की।
रोम में आगामी 25 और 26 मई को विश्व बाल दिवस मनाया जा रहा है जिसकी प्रस्तावना करते हुए कार्डिनल मेनदोन्सा ने कहा कि स्वतंत्रता, आपसी सम्मान और एकजुटता के मूल्यों का प्रसारण और अनुभव कम उम्र से ही किया जा सकता है। इस अर्थ में, उन्होंने कहा कि विश्व बाल दिवस साम्य का संकेत तथा एकता और शांति की "भविष्यवाणी" करना चाहता है।
कार्डिनल ने बताया कि इन दो दिनों में कई समूह, संघ और व्यक्ति रोम में जुटेंगे; लेकिन इस कार्यक्रम में धर्मप्रान्तीय स्तर पर पहले से ही विविध पहलें शामिल है, जिसका लक्ष्य पूरे कलीसियाई समुदाय को शामिल करने का है। तदोपरान्त, बाल दिवस के समन्वयक फादर एन्सो फोरतुनातो ने इस आयोजन के "वैश्विक दायरे" को रेखांकित किया, जो "आशा का प्रतिरूप" और "युद्ध के सरदारों के लिए एक संकेत" का प्रतिनिधित्व करता है। उन्होंने कहा कि "हम दुनिया को बच्चों की नज़र से देखना चाहते हैं, जो लोगों की आशा और उनका भविष्य हैं।" उन्होंने कहा, बच्चों के दिलों की सादगी, "ईश्वर का एक उपहार है और जो लोग इसका स्वागत करना जानते हैं, उनके लिए शांति की संभावना है"।
उन्होंने कहा कि यह, मूलतः, कई बच्चों की दुखद स्थिति की प्रतिक्रिया है जिनका शोषण किया जाता है, जिन्हें घायल किया जाता है, जिन्हें बिना भोजन या पानी के उत्पीड़ित किया जाता है, जिन्हें हिंसा की शिक्षा दी जाती है, जिन्हें रोटी नहीं बल्कि एक हथियार दिया जाता है, 'प्यार' शब्द नहीं बल्कि घृणा का एक हथियार दे दिया जाता है।
रोम में आयोजित 25 और 26 मई के उक्त कार्यक्रम में 101 देशों के बच्चे भाग ले रहे हैं, जो सम्पूर्ण विश्व के लिये शांति का सन्देश प्रसारित करेंगे। 25 मई को ही सन्त पापा फ्राँसिस बच्चों से मुलाकात कर उनके प्रश्नों का उत्तर देंगे। फिर रविवार 26 मई को सन्त पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में सन्त पापा फ्राँसिस बच्चों के लिये ख्रीस्तयाग अर्पित करेंगे। विश्व बाल दिवस का समापन इटली के महान अभिनेता, लेखक और कलाकार रोबेर्तो बेन्नीनी के एकालाप से होगा।