मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने 18 दिसंबर को फैसला सुनाया कि कैथोलिक परिवारों को घर-घर जाकर क्रिसमस कैरल गाने के लिए सरकारी इजाज़त की ज़रूरत नहीं है। कोर्ट ने स्थानीय अधिकारियों की आपत्तियों को खारिज कर दिया और राज्य में छोटे ईसाई अल्पसंख्यक समुदाय की चिंताओं को कम किया।