विश्व शांति दिवस 2025 की विषयवस्तु
"हमारे अपराधों को क्षमा कर: हमें अपनी शांति प्रदान कर" यही वह विषयवस्तु है जिसे पोप फ्राँसिस ने अगले वर्ष के "विश्व शांति दिवस" के लिए चुना है।
2025 के विश्व शांति दिवस की विषयवस्तु पर अपने वक्तव्य में समग्र मानव विकास के लिए गठित परमधर्मपीठीय विभाग ने कहा, "सभी स्तरों पर केवल वास्तविक बदलाव से ही सच्ची शांति पनप पाएगी।" विभाग ने कहा कि शांति केवल संघर्षों के अंत से ही नहीं आती है, "बल्कि एक नई वास्तविकता से भी आती है जिसमें घाव भर जाते हैं और प्रत्येक व्यक्ति की गरिमा को पहचाना जाता है।"
विश्व शांति दिवस को हर साल 1 जनवरी को माता मरियम ईश्वर की माता के महापर्व के दिन मनाया जाता है। सन् 1967 में संत पापा पॉल छटवें द्वारा इसकी स्थापना के बाद से, संत पापा इस अवसर पर अपने संदेशों में संयुक्त राष्ट्र, मानव अधिकार, कूटनीति और आर्थिक विकास जैसे विषयों पर गहन चिंतन प्रस्तुत करते रहे हैं।
2025 के विश्व शांति दिवस की विषयवस्तु, "हमारे अपराधों को क्षमा कर: हमें अपनी शांति प्रदान कर" बाईबिल और कलीसिया के आधार पर जयन्ती वर्ष है।
जयंती के केंद्र में आशा और क्षमा
अपने बयान में, विभाग ने कहा कि यह विषयवस्तु पोप फ्राँसिस के विश्वपत्र “लौदातो सी” और “फ्रातेल्ली तूत्ती” से प्रेरित है, “और सबसे बढ़कर आशा और क्षमा की अवधारणाओं से, जो जयंती के मूल में है, यह मन-परिवर्तन का समय है जो हमें निंदा करने के लिए नहीं, बल्कि मेल-मिलाप और शांति लाने के लिए कहता है।”
विभाग ने आगे कहा कि "पापों की क्षमा और ऋणों को माफ करने की जयंती की परंपरा में निहित आशा के प्रकाश में आज मानवता को पीड़ित करनेवाले संघर्षों और सामाजिक पापों की वास्तविकता पर विचार करने से, इस संबंध में कलीसिया के धर्मगुरुओं के विचारों के साथ, ठोस सिद्धांत उभर कर सामने आता है जो एक बहुत ही आवश्यक आध्यात्मिक, सामाजिक, आर्थिक, पारिस्थितिक और सांस्कृतिक परिवर्तन की ओर ले जा सकता हैं।"