पोप फ्राँसिस ने यूक्रेन के एक अस्पताल को तीसरी अम्बुलेंस दान की
पोप के दानदाता कार्डिनल क्रायेस्की युक्रेन के टेर्नोपिल क्षेत्र में ज़बोरिव जिले की केंद्रीय अस्पताल में मोबाइल पुनर्वास केंद्र में सुसज्जित एम्बुलेंस पहुंचाने के लिए यात्रा करेंगे। वे वाटिकन फार्मेसी और जेमेली पॉलीक्लिनिक से आवश्यक और जीवन रक्षक दवाएं भी ले जायेंगे।
पोप फ्राँसिस की प्रार्थना और निकटता उन लोगों की मदद करने में ठोस हो जाती है जो युद्ध के विनाशकारी प्रभावों से पीड़ित हैं। पोप के दानदाता कार्डिनल कोनराड क्रायेस्की केंद्रीय अस्पताल में मोबाइल पुनर्वास केंद्र में सुसज्जित एम्बुलेंस पहुंचाने जायेंगे। वे आठवीं बार यूक्रेन की यात्रा कर रहे हैं। इस बार वे टर्नोपिल क्षेत्र के ज़बोरिव जिले तक जाने के लिए 3 हजार किमी की यात्रा करेंगे। कार्डिनल क्रायेस्की अपने साथ वाटिकन फार्मेसी और "अगुस्टिनो जेमेली" पॉलीक्लिनिक की फार्मेसी से बड़ी मात्रा में आवश्यक और जीवन रक्षक दवाएं भी ले जायेंगे।
टेर्नोपिल क्षेत्र में, युद्ध जारी रहने के कारण, हर दिन कई काफिले घायल सैनिकों और नागरिकों को लेने पहुंचते हैं, जो रूस के साथ सीमा क्षेत्र से भागने के लिए मजबूर हैं। यह अम्बुलेंस घायल लोगों के बचावकर्ताओं की सहायता के लिए एक वैध उपकरण भी होगी।
इस नए मिशन के दौरान, पोप की ओर से उनके दानदाता कार्डिनल क्रायेस्की, युद्ध का आघात सहे उन लोगों के अभिन्न, शारीरिक और मनोवैज्ञानिक पुनर्वास के लिए, काम्यानेट्स-पोडिल्स्की के रोमन काथलिक धर्मप्रांत में बनाए गए "संत जॉन पॉल द्वितीय" पुनर्वास केंद्र का भी उद्घाटन करेंगे। संत पापा फ्राँसिस द्वारा वांछित अन्य समान केंद्रों की तरह, चर्च इन नीड संस्थान और कुछ परमधर्मपीठीय संस्थानों के योगदान से बनाया गया है।
जैसा कि पोप फ्राँसिस कहते हैं, ये केंद्र बिना किसी भेदभाव के, किसी भी धर्म व राष्ट्रीयता के लिए और किसी भी बहिष्कार किये बिना, "हर किसी के लिए" खुला है। इस नाटकीय समय में यूक्रेनी परिवारों का समर्थन करने के लिए न केवल युद्ध में घायल हुए सभी लोगों को, बल्कि उनके प्रियजनों, पत्नियों और बच्चों को भी उपचार की पेशकश की जाती है। पोप जॉन पॉल द्वितीय केंद्र, जिसका उद्घाटन जून के आखिरी दिनों में कार्डिनल क्रायेस्की द्वारा किया जाएगा, अम्बुलेंस और दवाओं का दान, दया के संकेत हैं जिसके द्वारा संत पापा फ्राँसिस हमें याद दिलाते हैं कि आस्था निराधार नहीं है, बल्कि सबसे गरीब और सबसे नाजुक भाइयों की कठिन परिस्थितियों की जिम्मेदारी लेती है। सबसे गरीब और सबसे नाजुक भाइयों की कठिन परिस्थितियों में भले समारी की तरह देखभाल करती है। करुणा के इन ठोस संकेतों का उद्देश्य क्षमा की कृपा तक पहुंचने के लिए दया का रास्ता खोलना है।