भारतीय काथलिक धर्मबहनों की पाँच-वर्षीय रणनीतिक योजना
भारतीय काथलिक महिला धर्मसंघी सम्मेलन (सीआरडब्ल्यूआई) ने नेटवर्किंग और साझेदारी पर जोर देते हुए 2024-2029 के लिए अपनी रणनीतिक योजना जारी की है।
हिल्टन फाउंडेशन के तहत काथलिक धर्मबहनों के पहल की प्रमुख सिस्टर जेन वाकाहिउ ने 19 मार्च को बेंगलुरु में भारत की 130,000 से अधिक महिला धर्मसमाजियों की प्रमुख अपोस्टोलिक कार्मेल सिस्टर मारिया निर्मलिनी की उपस्थिति में दस्तावेज़ जारी किया।
दस्तावेज़ जारी करते हुए, केन्या के संत फ्राँसिस इंस्टीट्यूट ऑफ लिटिल सिस्टर्स की सदस्य सिस्टर वाकाहिउ ने इसे "अंतर धर्मसमाजीय सहयोग से चिन्हित, भारत में धर्मबहनों के लिए ख्रीस्तीय प्रेरिताई का रोडमैप” कहा।
सिस्टर निर्मलिनी ने कहा, "यह योजना मानव गरिमा, सामाजिक न्याय और पर्यावरणीय प्रबंधन के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है", रणनीतिक योजना लक्ष्यों को प्रकट करने के लिए साझेदारी, संवाद और नवाचार का प्रयोग करेंगी।
उन्होंने कहा, "इस योजना के माध्यम से, हम हाशिए पर जीवनयापन करनेवाले लोगों को सशक्त बनाने और प्रणालीगत बदलाव लाने के लिए अंतर-धर्मसमाजी सहयोग, शोध और बाहर जाने का लाभ उठाएंगे।"
उन्होंने कहा कि योजना की प्राथमिकताओं में, एक शिकायत कक्ष स्थापित करके काथलिक धर्मबहनों का सशक्तिकरण और कल्याण, प्रशिक्षण एवं परामर्श के माध्यम से उनके समग्र विकास का समर्थन करना, वृद्धावस्था देखभाल और घटती बुलाहट जैसी मौजूदा चुनौतियों का समाधान करना शामिल है।
इस योजना का उद्देश्य पूरे भारत में महिला धर्मसमाजियों को एकजुट करना, शिक्षित, चंगा और मिशनरी यात्रा की उनकी प्रेरिताई को सहयोगात्मक भावना से जारी रखने और समानता, भागीदारी एवं लैंगिक न्याय को बढ़ावा देकर कलीसिया में महिलाओं की सही जगह की पुष्टि करना है।
यह योजना अंतरधार्मिक सद्भाव और अंतर सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ावा देने और रहने योग्य पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने की आवश्यकता को भी रेखांकित करती है।
अगले पांच वर्षों में, भारतीय काथलिक महिला धर्मसंघी सम्मेलन, प्रेरिताई को बढ़ाने और धर्मबहनों के स्वास्थ्य और मानसिक कल्याण का समर्थन करने एवं धर्मबहनों के राष्ट्रीय नेटवर्क को गहरा करने के लिए धर्मबहनों के कौशल, ज्ञान और नेतृत्व क्षमताओं को मजबूत करेगा।
महिला धर्मसमाजियों को सक्षम और सशक्त बनाना, मेजर सुपीरियर्स के साथ बातचीत के माध्यम से नेतृत्व को बढ़ावा देना, और धर्मबहनों एवं उनके धर्मसमाज के समग्र विकास के लिए परिवर्तनात्मक कार्यक्रमों को लागू करना भी आनेवाले पांच वर्षों में सर्वोच्च प्राथमिकताओं में माना जाएगा।
सिस्टर निर्मलिनी के नेतृत्व में सीआरडब्ल्यूआई द्वारा कार्यान्वित प्राथमिक कार्यक्रमों में से एक शिकायत निवारण कक्ष का उद्घाटन था जो प्रत्येक धर्मप्रांत में कार्यशालाएँ और जागरूकता शिविर आयोजित करता है और शिकायतों के समाधान के लिए उपचारात्मक उपाय करता है।
यह योजना भारत में धर्मबहनों को सशक्त बनाने के लिए समर्पित एक ईशशास्त्रीय प्रशिक्षण संस्थान के रूप में सेवा करने के लिए ओल्ड गोवा संस्थान स्थित मातेर देई की भूमिका पर भी जोर देती है।
इस अवसर पर, सीआरडब्ल्यूआई ने एक नई वेबसाइट (www.crwi.org.in) भी खोली, जो अगले पांच वर्षों में रणनीतिक योजना, नीतियों और क्षेत्रों के प्रमुख फोकस के बारे में जानकारी अपडेट करेगी।
एशिया में धर्मबहनों की परियोजनाओं के लिए हिल्टन फाउंडेशन की कार्यक्रम अधिकारी सबरीना वोंग ने भारत में धार्मिक महिलाओं के सम्मेलन द्वारा नीतियों, नियमों और विनियमों पर एक पुस्तिका जारी की।
यह पुस्तिका परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए एक रोड मैप तैयार करने, गृह मंत्रालय की आवश्यकताओं को पूरा करने, सीआरडब्ल्यूआई में एक मिशन केंद्रित संस्कृति का निर्माण करने, उचित दस्तावेज़ीकरण संस्कृति को बनाए रखने और विरासत को अगली पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए दिशानिर्देशों के एक सेट के रूप में कार्य करती है।