प्रेम और येसु की दृष्टि से शिक्षा दें, पोप फ्राँसिस

काथलिक एक्शन नामक शैक्षिक प्रतिबद्धता आंदोलन के 11वें राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेने सम्पूर्ण इटली से रोम पहुँचे प्रतिनिधियों को सम्बोधित कर सन्त पापा फ्राँसिस ने येसु की दृष्टि से प्रेमपूर्वक शिक्षा देने का आह्वान किया।

काथलिक एक्शन नामक शैक्षिक प्रतिबद्धता आंदोलन के 11वें राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेने सम्पूर्ण इटली से रोम पहुँचे प्रतिनिधियों को सम्बोधित कर सन्त पापा फ्राँसिस ने येसु की दृष्टि से प्रेमपूर्वक शिक्षा देने का आह्वान किया।

गुरुवार को शैक्षिक प्रतिबद्धता आंदोलन के शिक्षकों से सन्त पापा ने सदैव आगे बढ़ते रहने और कभी निराश न होने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, "प्रेम के बिना शिक्षा नहीं दी जा सकती, हमेशा प्रेम से शिक्षा दें!"

पोप ने कलीसिया के अन्तर में संगठन बनाने के लिए इटली के काथलिक एक्शन अभियान के सदस्यों को  धन्यवाद दिया, तथा कहा कि शिक्षा के प्रति समर्पित आंदोलन आज पहले से कहीं अधिक चुनौतियों का सामना कर रहा है। उन्होंने कहा, "शिक्षित करने का अर्थ - जैसा कि आप अच्छी तरह जानते और प्रमाणित करते हैं - सबसे बढ़कर, व्यक्ति की केन्द्रीयता की पुनर्खोज करना और उसका मूल्यांकन करना है, विशेष रूप से "ऐसे संबंधपरक संदर्भ में जहां मानव जीवन की गरिमा को पूर्णता और विकास के लिए उचित स्थान दिया जाये।"

उन्होंने स्मरण दिलाया कि काथलिक एक्शन आन्दोलन की शिक्षा परियोजनाएं शैक्षिक मिशन की एक जैविक और व्यवस्थित दृष्टि के साथ विकसित होती है। इस अर्थ में, उन्होंने रचनात्मकता के साथ इस कार्य हेतु स्वयं को समर्पित करने, समय के संकेतों पर ध्यान देने, तथा प्रायः मूल्यों और धारणाओं के लिए ख़तरा उत्पन्न करनेवाली  धर्मनिरपेक्षता और धर्म के प्रति उदासीनता के बीच भी सुसमाचार से स्वयं को प्रबुद्ध होने देने की सराहना की।  

बच्चों और युवाओं पर ध्यान दें
सार्वभौमिक काथलिक कलीसिया द्वारा 2025 में मनाये जानेवाले पवित्रवर्ष की जयन्ती के लिये सन्त पापा ने काथलिक एक्शन आन्दोलन के सदस्यों से आग्रह किया कि वे विशेष रूप बच्चों और युवाओं पर ध्यान केन्द्रित करें। उन्होंने कहा, "बच्चों, किशोरों और युवा लोगों पर विशेष ध्यान दें तथा विश्वास, सहानुभूति और येसु की दृष्टि से उन्हों देखें क्योंकि वे "विश्व और कलीसिया का वर्तमान और भविष्य" हैं।"

सन्त पापा ने कहा, "यह हमारा दायित्व और एक पूर्णतः शैक्षिक कार्य है कि हम बच्चों, किशोरों और युवा लोगों का  साथ दें, उनका समर्थन करें, उन्हें प्रोत्साहित करें, तथा अपने उदाहरण के माध्यम से उन्हें सही मार्ग दिखाएं जो उन्हें विश्व में व्याप्त सभी "जटिलताओं की भूलभुलैया" के बीच भ्रातृत्व की ओर ले जाए।"