पोप : मादक पदार्थों के विक्रेता हत्यारे हैं
पोप फ्रांसिस ने अंतरराष्ट्रीय मादक और अवैध तस्करी विरोद्ध दिवस की यादगारी में नशा के विरूध अपनी निष्ठा को नवीन करने का आहृवान किया।
पोप फ्रांसिस ने अपने बुधवारीय आमदर्शन समारोह के अवसर पर विश्व के विभिन्न स्थानों से आये हुए विश्वासियों और तीर्थयात्रियों का अभिवादन करते हुए कहा, प्रिय भाइयो एवं बहनो, सुप्रभात।
आज हम नशाखोरी और अवैध तस्करी के विरूद्ध विश्व दिवस मनाते हैं जिसकी स्थापना संयुक्त राष्ट्र संघ की आमसभा द्वारा सन् 1987 में की गई थी। इस वर्ष की विषयवस्तु हैः लक्ष्ण हमारे लिए स्पष्ट हैं, हम इसके रोकथाम हेतु निवेश करें।
पोप योहन पौलुस द्वितीय ने इस बात को सुनिश्चित किया, “जहाँ नशाखोरी होती वहाँ का समुदाय कमजोर हो जाता है। यह मानवीय शक्ति और नौतिक ताने-बाने को कमजोर बना देती है। यह हमारे अनुमानित मूल्यों को कमजोर करती है। यह जीने और मानव समाज को बेहतर बनाने में में हमारी इच्छा को नष्ट कर देती है।” इसके साथ, हालाँकि, हमें याद रखना चाहिए कि हर नशाग्रस्ति “अपने साथ एक अलग व्यक्तिगत कहानी को ब्याँ करता है, जिसे सुनना, समझना, प्यार करना और जहां तक संभव हो उसकी चंगाई और शुद्ध करने का प्रयास किया जाना चाहिए। [...] उन्हें पहले से अधिक, ईश्वर की संतान स्वरूप सम्मान प्राप्त है।”
मादक पदार्थों के विक्रेता चिंतन करें
पोप ने कहा कि यद्यपि हम नशा व्यापारियों और तस्करों के विचारों और कार्यों को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं। वे हत्यारे हैं। संत पापा बेनेदिक्त 16वें ने इस संबंध में एक चिकित्सीय समुदाय की भेंट करते हुए कठोर शब्दों का उपयोग करते हुए कहा था,“मैं नशा तस्करों से कहता हूँ कि वे उस हानि पर विचार करें जिसे वे समाज के हर स्तर में असंख्य युवाओं और व्यस्कों पर कर रहे हैं, ईश्वर आपके इस कार्य का लेखा लेंगे। हम मानवीय सम्मान का दमन इस भांति नहीं कर सकते हैं।”
शक्ति और धन का लोभ
मादक पदार्थों पर निर्भरता में कमी उनकी खपत से मुक्ति पाकर हासिल नहीं की जा सकती है,यह एक ख्वाब है, जैसा कि कुछ देशों में यह प्रस्तावित या पहले ही लागू किया जा चुका है। नशे के आदी लोगों और उनके परिवारों की कई दुखद कहानियों को जानने के बाद, मुझे विश्वास है कि इन खतरनाक पदार्थों के उत्पादन और तस्करी को समाप्त करना नैतिक रूप से आवश्यक है। हम कितने ही मौत के सौदागरों को पाते हैं जो किसी भी कीमत पर शक्ति और धन हासिल करना चाहते हैं। यह महामारी है, जो हिंसा पैदा करती है और पीड़ा और मौत के बीज बोती है, जिसे खत्म करने के लिए समाज में साहस की जरूरत है।
नशीली चीजों के उत्पादन और तस्करी का हमारे सामान्य निवास पर भी एक विनाशकारी प्रभाव पड़ता है। उदाहरण के लिए, अमाजोन बेसिन में यह स्पष्ट रुप से देखा जा सकता है।
नशीली चीजों से निपटने के उपाय
मादक पदार्थों के दुरुपयोग और तस्करी से निपटने का एक अन्य कारगर तरीका, न्याय को बढ़ावा देना है, युवाओं को मूल्यों की शिक्षा देना जो व्यक्ति और सामुदायिक जीवन के निर्माण में मदद करता है, इसके साथ ही हमें उनके साथ चलने और उनमें आशा और बेहतर भविष्य की आस जगानी है जो जरूरत की स्थिति में हैं।
पोप की सांत्वना
अपनी विभिन्न यात्राओं के दौरान मैंने धर्माप्रांतों और देशों की भेंट की जहाँ बहुत सारे समुदायों सुसमाचार की प्रेरणा से जीवनयापन करते हैं। वे अपने में निष्ठावान पुरोहित, समर्पित नर-नारियों का जीवन और लोकधर्मियों के समुदाय हैं जो अच्छाई और आशा के साक्ष्य द्वारा भले सामरी के दृष्टांत को साकार करते हैं। इसी तरह, मैं बहुत सारे धर्माध्यक्षीय सम्मेलनों के द्वारा किये गए प्रयासों से सांत्वना का अनुभव करता हूँ जिन्होंने नशा के शिकार लोगों के उपचार, नशा उन्मूलन, इसकी रोकथाम के संबंध में उचित कानून और नीतियों को बढ़ावा दिया है।
पोप ने लातीनी अमेरिकी के प्रेरिताई पलापा (लातीनी अमेरिकी प्रेरितिक और नशा निवारण) केन्द्र का उदाहरण देते हुए कहा कि यह नेटवर्क इस बात को स्वीकारता है कि विभिन्न तरह के लत "नशा, मनोवैज्ञानिक चीजों और अन्य प्रकार की लत (अश्लील साहित्य, नई प्रौद्योगिकियों, आदि) एक ऐसी समस्या है जो भौगोलिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक मतभेदों से परे, बिना किसी भेदभाव और उम्र के हमें प्रभावित करती है।” विभिन्नताओं के बावजूद, ... हम खुद को एक समुदाय के रूप में संगठित करना चाहते हैं: जिससे हमारे अनुभवों, उत्साह, कठिनाइयों को साझा किया जा सके।”