येसु के हृदय के अनुसार प्रार्थना की जाती है, तो चमत्कार होते हैं, पोप फ्राँसिस

हम आशा की जुबली 2025 को योग्य रीति से मनाने हेतु पोप द्वारा घोषित प्रार्थना का वर्ष 2024 के अंतिम चरण में हैं। आज पोप ने समझाया कि प्रार्थना करना जानना हमारी सबसे बड़ी गरिमा है। येसु के हृदय के अनुसार प्रार्थना की जाती है, तो चमत्कार होते हैं।

दिल से की गई प्रार्थना को ईश्वर हमेशा सुनते और उसका जवाब देते हैं भले ही उसका जवाब हमें तुरंत मिल जाता है या इन्तजार करना पड़ता है। संत पापा फ्राँसिस ने सभी ख्रीस्तियों को प्रार्थना के महत्व के समझाते हुए येसु के हृदय के अनुसार प्रार्थना करने हेतु प्रेरित किया।

पोप ने सोशल मीडिया के प्लेफार्म एक्स पर लिखा, "हम नाज़ुक प्राणी हैं, लेकिन हम प्रार्थना करना जानते हैं: यही हमारी सबसे बड़ी गरिमा है। और जब येसु के हृदय के अनुसार प्रार्थना की जाती है, तो चमत्कार होते हैं।” #प्रार्थना का वर्ष