पोप लियो : बच्चे और किशोर एआई हेरफेर के खतरे में

पोप लियो 14वें ने चेतावनी दी है कि बच्चे और किशोर आसानी से कृत्रिम बुद्धिमता के हेरफेर में पड़ सकते हैं, तथा जोर दिया कि नाबालिगों की गरिमा की सुरक्षा को सिर्फ नीतियों तक सीमित नहीं किया जा सकता, उनके लिए डिजिटल शिक्षा की आवश्यकता है। पोप ने यह बात “कृत्रिम बुद्धिमता के युग में बच्चों और किशोरों की गरिमा” पर वाटिकन में आयोजित एक सम्मेलन के प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कही।

पोप लियो 14वें ने गुरुवार को वाटिकन में "कृत्रिम बुद्धिमत्ता के युग में बच्चों और किशोरों की गरिमा" सम्मेलन में प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए इस बात पर जोर दिया कि नाबालिगों की गरिमा की रक्षा केवल नीतियों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके लिए उचित डिजिटल शिक्षा की आवश्यकता है।

यह देखते हुए कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता हमारे दैनिक जीवन के कई पहलुओं, जिनमें शिक्षा, मनोरंजन और नाबालिगों की सुरक्षा शामिल है, को कैसे बदल रही है, उन्होंने कहा कि यह "महत्वपूर्ण नैतिक प्रश्न उठाता है, विशेष रूप से नाबालिगों की गरिमा और कल्याण की सुरक्षा से संबंधित।"

पोप ने चेतावनी दी कि बच्चे और किशोर विशेषकर कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) एल्गोरिदम के माध्यम से हेरफेर के खतरे में होते हैं जो उनके निर्णयों और प्राथमिकताओं को प्रभावित कर सकते हैं। यह आवश्यक है कि माता-पिता और शिक्षक इन गतिविधियों से अवगत हों, और युवाओं के तकनीक के साथ संपर्क की निगरानी और मार्गदर्शन के लिए उपकरण विकसित किए जाएँ।

सुरक्षा सिर्फ नीतियों तक सीमित नहीं की जा सकती
पोप ने कहा, “नाबालिगों की गरिमा की रक्षा सिर्फ नीतियों तक सीमित नीं की जा सकती; इसके लिए डिजिटल शिक्षा की भी आवश्यकता है।”

पोप लियो ने संत पापा फ्राँसिस के शब्दों को याद किया जिन्होंने एक बार कहा था कि इटली में सुरक्षा परियोजना को तीन बड़े काथलिक संघों के द्वारा कहा गया है कि वयस्कों को अपनी बुलाहट को "शिक्षा के कारीगर" के रूप में पुनः खोजना होगा...।”

पोप ने स्वीकार किया कि नैतिक दिशानिर्देशों का मसौदा तैयार करना और उन्हें लागू करना कितना महत्वपूर्ण है, लेकिन जोर देकर कहा कि ये पर्याप्त नहीं हैं।

इसके बजाय, उन्होंने आह्वान किया कि "जरूरत दैनिक, निरंतर शैक्षिक प्रयासों की है, जो वयस्कों द्वारा किए जाएँ, जो स्वयं सहयोग के नेटवर्क द्वारा प्रशिक्षित और समर्थित हैं।"

पोप ने कहा कि इस प्रक्रिया में उन जोखिमों को समझना शामिल है जो एआई के उपयोग और समय से पहले, असीमित और अनियंत्रित डिजिटल पहुँच से युवाओं के रिश्तों और विकास पर पड़ सकते हैं।

पोप ने कहा, "केवल ऐसे जोखिमों और उनके व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन पर पड़नेवाले प्रभावों की खोज में भाग लेकर ही, नाबालिगों को अपने और दूसरों के लिए जिम्मेदारी भरे फैसले लेने की उनकी क्षमता को मजबूत करने के साधन के रूप में डिजिटल दुनिया से जुड़ने में सहायता मिल सकती है।"

यह सुनिश्चित करना होगा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता एक सहयोगी के रूप में कार्य करे, न कि एक खतरा।

पोप ने सुझाव दिया कि यह अपने आप में "मानव मौलिकता और जुड़ाव की रक्षा करने का एक महत्वपूर्ण अभ्यास है, जिसे हमेशा एक मौलिक मूल्य के रूप में मानवीय गरिमा के सम्मान द्वारा निर्देशित किया जाना चाहिए।"

उन्होंने कहा कि केवल एक शैक्षिक, नैतिक और जिम्मेदार दृष्टिकोण अपनाकर ही हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता बच्चों और किशोरों के विकास में एक सहयोगी के रूप में कार्य करे, न कि एक खतरा।

अंत में, पोप लियो ने अपनी इच्छा व्यक्त करते हुए कहा कि यह सम्मेलन बच्चों, युवाओं और संपूर्ण कलीसियाई एवं नागरिक समुदाय के प्रति हमारी निरंतर सेवा के लिए एक ठोस आधार तैयार करने में मदद करेगा। और उन्होंने उन्हें अपना प्रेरितिक आशीर्वाद प्रदान किया।