पोप लियोः शांति हेतु आहृवान

पोप लियो ने संत घोषणा की धर्मविधि के उपरांत विश्व में शांति हेतु आहवान किया।

पोप लियो ने संत घोषणा धर्मविधि अनुष्ठान के अंत में विश्वासी समुदाय के संग दूत संदेश प्रार्थना का पाठ किया।

पोप ने सभों का अभिवादन करते हुए कहा, “प्रिय भाइयो एवं बहनों, बहुप्रतीक्षित समारोह के अंत में मैं सभी के प्रति कृतज्ञता के भाव प्रकट करना चाहूँगा जो इतनी अधिक संख्या में इन दो संतों के समारोह में भाग लेने हेतु आये हैं।” संत पापा ने सभी धर्माध्यक्षों और पुरोहितों, आधिकारिक रुप से प्रतिनिधित्व कर रहे सामाजिक अधिकारियों और विशिष्ट अतिथियों के प्रति अपने धन्यवाद के भाव प्रकट करते हुए उनका अभिवादन किया।

इस विशेष अवसर पर पोप ने कलीसिया में कल घोषित किये गये दो धन्यों येसु समाजी महाधर्माध्यक्ष एदोवर्डो प्रोफिलिच जो सन् 1942 सोवियत शासन के दौरान शहीद हुए और हंगरी की, युवा मारिया मैडलेना बोदी की याद की जिन्हें सन् 1945 में कुछ सैनिकों द्वारा दुराचार के विरोध किये जाने पर शहीद होना पड़ा। संत पापा ने कहा, “इन दो शहीदों ने, सुसमाचार की सुंदरता के लिए साहसपूर्वक गवाही दी, हम उनके जीवन के लिए हम प्रभु की स्तुति करें।”

पोप संतों और कुंवारी मरियम की मध्यस्थता द्वारा शांति हेतु प्रार्थना की, विशेषकर पवित्र भूमि और यूक्रेन तथा उन स्थानों के लिए जहाँ युद्ध के कारण रक्तपात की स्थिति बनी हुई है। संत पापा ने सत्ता में आसीन लोगों के लिए सचेतना हेतु प्रार्थना की। उन्होंने कहा कि हथियार से हासिल की गई जीत, मौत और विनाश फैलाती है, यह असल में हार की निशानी है जिससे कभी शांति या सुरक्षा कायम नहीं की जा सकती है। “ईश्वर युद्ध नहीं बल्कि शांति चाहते हैं और वह उन लोगों को शक्ति से भरते हैं जो नफरत के भंवर को छोड़कर वार्ता का रास्ता अपनाते हैं।”