पोप फ्राँसिस का भ्रातृत्वपूर्ण संदेश लोगों के बीच फैले

पोप फ्राँसिस की परमाध्यक्षीय नियुक्ति की 12 वीं वर्षगांठ पर, गुरुवार को वाटिकन में चालीसाकालीन आध्यात्मिक साधना में शामिल परमधर्मपीठीय धर्माधिकारियों ने आशा व्यक्त की कि "प्रभु के शिष्य बनने, सुसमाचार के साक्षी बनने और ईश्वर के राज्य के निर्माता बनने की इच्छा सभी में बढ़े।"
वाटिकन स्थित पोप पौल षष्टम भवन में जारी आध्यात्मिक साधना के दौरान गुरुवार अपरान्ह रोमी कार्यालयों के परमधर्मपीठीय धर्माधिकारियों ने पोप फ्राँसिस के लिये रोज़री विनती का पाठ किया तथा यह मंगलयाचना की कि सन्त पापा फ्राँसिस द्वारा दिया गया भाईचारेवाला सन्देश जन-जन में फैल जाये।
मान्यवर वियोला
रोमी कार्यालयों के परमधर्मपीठीय धर्माधिकारियों की ओर से दिव्य भक्ति और संस्कारों सम्बन्धी परमधर्मपीठीय धर्मसंघ के उपाध्यक्ष मान्यवर वित्तोरियो फ्राँन्चेस्को वियोला ने पोप फ्राँसिस और उनके प्रेरितिक मिशन के प्रति अपनी कृतज्ञता और पुत्रवत स्नेह व्यक्त किया।
पोप फ्राँसिस के चुनाव के क्षण को खुशी के साथ उन्होंने याद किया गया "जब खचाखच भरा हुआ सन्त पेत्रुस महागिरजाघर का प्राँगण रोम के नए धर्माध्यक्ष और विश्वव्यापी काथलिक कलीसिया के परमाध्यक्ष के आशीर्वाद का खुशी से स्वागत कर रहा था"। उन्होंने याद किया कि आज, बीमारी की परीक्षा में, "उसी स्थान से, जैसे कि विश्व के कई अन्य भागों से, ईश प्रजा की प्रार्थना निरंतर उठती है, जिसमें हम भी एकप्राण होकर शामिल होते हैं।"
शांति सन्देश सर्वत्र फैले
मान्यवर वियोला ने कहा, "इस जयंती वर्ष में हम यह आशा करते हैं कि पोप फ्राँसिस द्वारा दिया शांति और भाईचारे का संदेश, जिसके लिए हम लगातार बुलाये जाते हैं और जो उनकी शिक्षाओं द्वारा याद किया जाता है, सभी शुभचिन्तक लोगों के बीच फैल जाये तथा प्रभु के शिष्य बनने, सुसमाचार के गवाह बनने और ईश्वर के राज्य के निर्माता बनने की सभी में इच्छा बढ़ें।"
उन्होंने सन्त पेत्रुस के उत्तराधिकारी द्वारा उन्हें विश्वास में पुष्ट करने के लिए धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा, "एकता में निर्देशित", हम उन्हें "स्नेही निकटता और प्रार्थना" का आश्वासन देते हैं तथा माँ मरियम की मध्यस्थता के सिपुर्द करते हैं जो "येसु मसीह के प्रेम में उनकी रक्षा करती हैं"।
अन्त में उन्होंने प्रार्थना की कि माता मरियम की मध्यस्थता "हमारे विश्वास को समर्थन दे और हमारी आशा को पुनर्जीवित करे ताकि कोई भी बाधा हमें मुक्ति की ओर ले जाने वाले मार्ग से विचलित न कर सके।"