जेमेली से पोप : प्रभु की स्तुति करें, जो हमें कभी नहीं छोड़ते

देवदूत प्रार्थना के लिए अपने चिंतन में पोप फ्राँसिस उस मुश्किल वक्त पर चिंतन करते हैं जिसका वे सामना कर रहे हैं, तथा अस्पतालों और देखभाल केंद्रों में “आशा के चमकते चिन्हों” पर प्रकाश डालते हैं।
पोप फ्राँसिस ने देवदूत प्रार्थना के पूर्व संदेश देने की अपनी परम्परा को जेमेली अस्पताल में रहते हुए भी जारी रखा है। संदेश को वाटिकन प्रेस कार्यालय ने प्रकाशित किया।
ईश्वर के प्रेम की किरण पर चिंतन
पोप सभी विश्वासियों को सम्बोधित करते हुए कहते हैं, “प्रिय भाइयो एवं बहनो, शुभ रविवार!”
आज, चालीसा काल के दूसरे रविवार को, सुसमाचार पाठ हमें येसु के रूपांतरण के बारे बताता है (लूका 9:28-36)। पेत्रुस, योहन और याकूब के साथ एक पहाड़ की चोटी पर चढ़ने के बाद, येसु प्रार्थना में लीन हो जाते हैं और प्रकाश से चमक उठते हैं। इस तरह, वे शिष्यों को दिखाते हैं कि उनके बीच उनके द्वारा किए गए कार्यों के पीछे क्या छिपा है: उनके असीम प्रेम की किरण।
पोप ने लिखा, “मैं इन विचारों को आपके साथ साझा कर रहा हूँ, जब मैं परीक्षा के दौर से गुजर रहा हूँ, और मैं उन अनेक भाइयों और बहनों के साथ हूँ जो इस समय मेरी तरह ही बीमार और कमजोर हैं। हमारे शरीर कमजोर हैं, लेकिन इसके बावजूद, हमें प्रेम करने, प्रार्थना करने, खुद को समर्पित करने, एक-दूसरे के लिए विश्वास रखने और आशा की किरण जगाने से कोई नहीं रोक सकता।
इस अर्थ में, अस्पतालों और देखभाल केंद्रों में कितनी रोशनी चमकती है! प्रेमपूर्ण देखभाल से कमरे, गलियारे, क्लीनिक, जहाँ सबसे विनम्र सेवाएँ प्रदान की जाती हैं, कितनी रोशनी होती है! इसीलिए मैं आज आपको आमंत्रित करना चाहता हूँ कि आप मेरे साथ मिलकर प्रभु की स्तुति करें, जो हमें कभी नहीं छोड़ते और जो दुःख के समय में ऐसे लोगों को हमारे पास रखते हैं जो अपने प्रेम की किरण को प्रतिबिम्बित करते हैं।”
उसके बाद प्रार्थनाओं एवं सामीप्य के लिए कृतज्ञता व्यक्त करते हुए संत पापा ने कहा, “मैं आप सभी की प्रार्थनाओं के लिए धन्यवाद देता हूँ, और मैं उन सभी का भी धन्यवाद करता हूँ जो इतने समर्पण के साथ मेरी सहायता करते हैं।”
उन्होंने बच्चों को सम्बोधित कर कहा, “मैं जानता हूँ कि बहुत से बच्चे मेरे लिए प्रार्थना कर रहे हैं; उनमें से कुछ आज यहाँ "जेमेली" में निकटता के संकेत के रूप में आए हैं। धन्यवाद, प्यारे बच्चों! पोप आपसे प्यार करते हैं और आपसे मिलने का इंतजार कर रहे हैं।”
कलीसिया और शांति के लिए प्रार्थना
संत पापा ने युद्धग्रस्त देशों के पीड़ित लोगों की भी याद की तथा उनके लिए प्रार्थना का आश्वासन देते हुए कहा, “आइये, हम शांति के लिए प्रार्थना करते रहें, विशेषकर, युद्ध से पीड़ित देशों : पीड़ित यूक्रेन, फिलिस्तीन, इस्राएल, लेबनान, म्यांमार, सूडान और कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य के लिए।”
संत पापा ने अपने संदेश में कलीसिया की भी याद की। उसके लिए प्रार्थना करते हुए कहा, “और आइए, हम कलीसिया के लिए भी प्रार्थना करें, जिसे हाल ही में आयोजित धर्मसभा में की गई आत्मपरख को ठोस रूप देने की आवश्यकता है। मैं धर्मसभा के महासचिव को धन्यवाद देता हूँ, जो आनेवाले तीन वर्षों में इस कार्य में स्थानीय कलीसियाओं का साथ देंगे।"
अंत में, कुँवारी मरियम से प्रार्थना करते हुए कहा, कुँवारी मरियम आपको सुरक्षित रखें और उनकी तरह मसीह के प्रकाश और शांति के वाहक बनने में आपकी सहायता करें।