जाल का दृष्टान्त
मत्ती 13:47-53
"फिर, स्वर्ग का राज्य समुद्र में डाले हुए जाल के सदृश है, जो हर तरह की मछलियाँ बटोर लाता है।
जाल के भर जाने पर मछुए उसे किनारे खींच लेते हैं। तब वे बैठ कर अच्छी मछलियाँ चुन-चुन कर बरतनों में जमा करते हैं और रद्दी मछलियाँ फेंक देते हैं।
संसार के अन्त में ऐसा ही होगा। स्वर्गदूत जा कर धर्मियों में से दुष्टों को अलग करेंगे।
और उन्हें आग के कुण्ड में झोंक देंगे। वहाँ वे लोग रोयेंगे और दाँत पीसते रहेंगे।
"क्या तुम लोग यह सब बातें समझ गये?" शिष्यों ने उत्तर दिया, "जी हाँ"।
ईसा ने उन से कहा, "प्रत्येक शास्त्री, जो स्वर्ग के राज्य के विषय में शिक्षा पा चुका है, उस ग्रहस्थ के सदृश है, जो अपने ख़जाने से नयी और पुरानी चीज़ें निकालता है"।
इन दृष्टान्तों के समाप्त होने पर ईसा वहाँ से चले गये।