राँची के नये महाधर्माध्यक्ष विंसेंट आईंद का भव्य प्रतिष्ठापन समारोह संपन्न
राँची महाधर्मप्रांत के नये महाधर्माध्यक्ष विंसेंट आईंद का प्रतिष्ठापन समारोह, 19 मार्च 2024 को राँची स्थित लोयोला मैदान में, भारत एवं नेपाल के लिए पोप के प्रेरितिक राजदूत महाधर्माध्यक्ष लेओपोल्दो जिरेल्ली की उपस्थिति में, राँची के ससम्मान सेवानिवृत महाधर्माध्यक्ष फेलिक्स टोप्पो येसु समाजी के करकमलों से सम्पन्न हुआ।
पदग्रहण समारोह
पदग्रहण समारोह पूर्वाहन 10.30 बजे प्रवेश नृत्य के साथ शुरू हुआ। अतिथियों के स्वागत एवं नये महाधर्माध्यक्ष विंसेंट आईंद के पत्र परिचय प्रस्तुत किये जाने के बाद, राँची के सेवानिवृत महाधर्माध्यक्ष फेलिक्स टोप्पो ने प्रतिष्ठापन की धर्मविधि को आगे बढ़ाया। उनके आग्रह पर संत पापा फ्राँसिस के आदेश पत्र को पूरी कलीसिया के सामने प्रस्तुत किया गया एवं उसके हिन्दी अनुवाद को जनता के सामने पढ़कर सुनाया गया। पोप के आदेश की उद्घोषणा के उपरांत महाधर्माध्यक्ष विंसेंट आईंद को महाधर्माध्यक्षीय सिंहासन प्रदान की गई और उन्हें वहाँ विराजमान किया गया। उदघोषक फादर तोबियस टोप्पो ने कहा, “प्रेरितों की परम्परा के अनुसार यह धर्मविधि धर्मप्रांत में उसके अधिकार और शिक्षक होने का प्रतीक है। क्योंकि येसु ने ही उन्हें यह अधिकार दिया है और सभी धर्माध्यक्ष प्रेरितों के उत्तराधिकारी हैं।”
समारोह के प्रतिष्ठापक महाधर्माध्यक्ष फेलिक्स टोप्पो ने नये महाधर्माध्यक्ष को सिंहासन प्रदान किया। इसके साथ ही उपस्थित विश्वासियों ने “ईश्वर को धन्यावाद” कहते हुए जोरदार तालियों से उनका स्वागत किया। इस तरह महाधर्माध्यक्ष विंसेंट आईंद औरचारिक रूप से राँची के महाधर्माध्यक्ष बन गये। प्रतिष्ठापक ने उन्हें मेषपालीय डंडा प्रदान किया जो महाधर्माध्यक्ष के लिए उस धर्मप्रांत के चरवाहे होने का प्रतीक है। अंततः प्रतिष्ठापन की धर्मविधि सम्पन्न होने पर उपस्थित सभी धर्माध्यक्षों और प्रतिनिधियों ने उन्हें बधाइयाँ दीं।
पदग्रहण समारोह के बाद मिस्सा बलिदान की धर्मविधि विधिवत आगे बढ़ी जिसकी अगुवाई प्रतिष्ठित आर्चबिशप विंसेंट आईन्द ने की।
आर्चबिशप विंसेंट आइन्द ने अपने धर्मोपदेश में कहा, “पिता ईश्वर की इच्छा पूरा करने से हम प्रभु के करीबी रिश्तेदार बन जाते हैं। साथ ही, उन्होंने संत जोसफ के समान नम्र, पवित्र आत्मा के प्रति वचनबद्ध, शुद्ध, निर्मल बनने का आह्वान किया। समारोह के अंत में पूर्व महाधर्माध्यक्ष फेलिक्स टोप्पो एस. जे. ने अपने कार्यकाल के दौरान प्राप्त सहयोग के लिए धन्यवाद दिया और संतुष्टि से विदा लेते हुए आर्चबिशप विंसेंट आईंद को बधाईयाँ एवं शुभकामनाएँ दीं। आर्चबिशप विंसेंट आईंद ने अपने दिल के उदगार प्रकट करते हुए सभी का धन्यवाद किया और अपने मिशन कार्य में सभी से सहयोग का आह्वान किया। माननीय महाधर्माध्यक्ष विन्सेंट आईंद का आदर्शवाक्य है, “तुम मुझ में रहो।” (यो.15.4)
राँची महाधर्मप्रांत के पूर्वाधिकारी
माननीय महाधर्माध्यक्ष विन्सेंट आईंद राँची के सातवें महाधर्माध्यक्ष बने हैं जिनकी नियुक्ति की घोषणा पोप फ्राँसिस ने 30 दिसम्बर 2023 की।
राँची महाधर्मप्रांत के पहले धर्माध्यक्ष थे लुईस वान हुक ये. स. (1928 -1933)
दूसरे धर्माध्यक्ष ऑस्कर सेवरिन, ये. स. (1934-1951)
तीसरे महाधर्माध्यक्ष निकोलस कुजूर, ये.स. (1951-1960)
चौथे महाधर्माध्यक्ष पियुस केरकेट्टा, ये.स. (1961-1985)
पाँचवें महाधर्माध्यक्ष तेलेस्फोर पी. टोप्पो (1985 – 2018)
छटवें महाधर्माध्यक्ष फेलिक्स टोप्पो, ये.स. (2018-2023)
इस समारोह के अवसर पर भारत और नेपाल के लिए संत पिता के प्रतिनिधि प्रेरितिक राजदूत लियोपोल्दो जिरेल्ली, राँची महाधर्मप्रांत के पूर्व महाधर्माध्यक्ष फेलिक्स टोप्पो एस. जे, झारखंड एवं भारत के विभिन्न धर्मप्रांतों के 35 आर्चबिशप और बिशप, 300 से अधिक पुरोहितगण, हजारों संख्या में धर्मसंघी एवं धर्मबहनें, साथ ही माननीय श्री सुबोत कांत सहाय जी, माननीय श्री बन्धु तिर्की जी, माननीय श्रीमति नेहा शिल्पी तिर्की जी एवं आठ हज़ार से अधिक विश्वासी शामिल हुए।