रमजान का संदेश विश्व शांति हेतु मिलकर काम करने का प्रोत्साहन

"आइए हम नफरत, हिंसा और युद्ध की आग को बुझाने में शामिल हों और इसके बजाय शांति की मोमबत्ती जलाएँ।" ये शब्द रमज़ान के महीने और 'ईद अल-फितर' के लिए अपने संदेश में हमारे मुस्लिम भाइयों और बहनों को वाटिकन अंतरधार्मिक संवाद विभाग ने कही है। संदेश ख्रीस्तीयों से भी शांति, मानव जीवन के सम्मान और सुरक्षा के लिए मिलकर काम करने का आह्वान करता है।

वाटिकन ने आध्यात्मिक सामीप्य एवं मित्रता के साथ विश्वभर के मुसलमानों को रमजान की शुभकामनाएँ दी हैं।

वाटिकन के अंतरधार्मिक संवाद विभाग ने रमजान के अवसर पर सभी मुस्लिम भाइयों एवं बहनों के नाम एक पत्र में लिखा, “एक बार फिर हम रमज़ान के महीने में आपको निकटता और दोस्ती के संदेश के साथ शुभकामनाएँ देते हैं, आपकी आध्यात्मिक यात्रा और आपके पारिवारिक एवं सामाजिक जीवन के लिए इस महीने के महत्व को समझते हुए, जो अपने ख्रीस्तीय मित्रों और पड़ोसियों को भी गले लगाता है।”

संघर्षों में चिंताजनक वृद्धि
संदेश का मुख्य बिन्दु है, “ख्रीस्तीय और मुस्लिम : युद्ध की आग बुझाओ और शांति की मोमबत्ती जलाओ।”

रमजान के अवसर पर वार्षिक संदेश को ख्रीस्तीयों और मुसलमानों के बीच अच्छे संबंधों को मजबूत करने के महत्वपूर्ण साधन के रूप में लेते हुए वाटिकन ने अपनी चिंता साझा की है कि “इन दिनों सैन्य युद्ध से लेकर राज्यों, आपराधिक संगठनों, सशस्त्र गिरोहों और नागरिकों से जुड़े अलग-अलग तरह के सशस्त्र संघर्षों की बढ़ती संख्या वास्तव में चिंताजनक हो गई है।” पोप फ्राँसिस के अनुसार शत्रुता में यह वृद्धि वास्तव में "टुकड़ों में लड़े गए तीसरे विश्व युद्ध" को "वास्तविक वैश्विक संघर्ष" में बदल रही है।

पत्र जिसपर वाटिकन के अंतरधार्मिक संवाद विभाग के अध्यक्ष कार्डिनल मिगेल एंजेल अयूसो गिक्सोत एम सीसीजी और सचिव मोनसिन्योर इंदुनिल कोथिथुवाकू जनाकरातने कनकनामलागे ने हस्ताक्षर किये हैं, कहा गया है कि “इन संघर्षों के कई कारण हैं, कुछ लंबे समय से चले आ रहे हैं, कुछ नवीनतम हैं। प्रभुत्व की चिरस्थायी मानवीय इच्छा, भू-राजनीतिक महत्वाकांक्षाएँ और आर्थिक हितों के साथ-साथ, एक प्रमुख कारण निश्चित रूप से हथियारों का निरंतर उत्पादन और व्यापार है।”

कुछ लोगों को अवैध हथियार व्यापार का फायदा
उन्होंने हथियार व्यापार के लिए खेद प्रकट करते हुए कहा, “जहाँ हमारे मानव परिवार का एक हिस्सा युद्ध में इन हथियारों के प्रयोग के विनाशकारी प्रभावों से गंभीर रूप से पीड़ित है, वहीं दूसरे लोग इस अनैतिक व्यापार से प्राप्त होनेवाले बड़े आर्थिक लाभ का आनंद ले रहे हैं।” पोप फ्राँसिस ने इसे “अपने भाई के खून में रोटी का टुकड़ा डुबाने” जैसा बताया है।

वाटिकन ने नकारात्मक चीजों के साथ-साथ वर्तमान की सकारात्मक चीजों को भी साझा किया है। “हम आभारी हो सकते हैं क्योंकि शांति को आगे बढ़ाने के लिए हमारे पास अपार मानव और धार्मिक संसाधन भी हैं। शांति और सुरक्षा की चाहत, हर अच्छे इरादेवाले व्यक्ति की आत्मा में गहराई से निहित है, क्योंकि कोई भी मानव जीवन को नष्ट किये जाने, गंभीर चोटों और अनाथों एवं विधवाओं की भीड़ में युद्ध के दुखद प्रभावों को अनदेखा नहीं कर सकता।”

युद्ध में सभी खोते हैं
युद्ध की निंदा करते हुए संदेश में कहा गया है कि बुनियादी ढाँचे और संपत्ति का विनाश जीवन को तबाह कर देता है। लाखों लोग अपने देश से विस्थापित होने और दूसरे देशों में शरणार्थी बनने के लिए मजबूर हो जाते हैं। नतीजतन, युद्ध की निंदा और अस्वीकृति स्पष्ट होनी चाहिए: हर युद्ध भाई की हत्या, व्यर्थ, संवेदनहीन और अंधकारमय है। युद्ध में हर कोई हारता है। एक बार फिर, पोप फ्रांसिस के शब्दों में: "कोई भी युद्ध पवित्र नहीं है, केवल शांति ही पवित्र है।"

जीवन को सम्मान देने के लिए अंतःकरण विकसित करना
यद्यपि सभी धर्मों में अपने-अपने तरीके से मानव जीवन को पवित्र और सम्मानित माना जाता है एवं उसकी रक्षा करने पर जोर देता है, दुर्भाग्य से, मृत्युदण्ड को मान्यता देनेवाले देशों की संख्या बढ़ रही है।

उन्होंने कहा कि जीवन की इस मौलिक गरिमा के प्रति सम्मान की भावना से ही युद्ध को नकारा और शांति को पोषित किया जा सकता है। वाटिकन ने स्वीकार किया है कि प्रत्येक व्यक्ति के जीवन के पूर्ण मूल्य और उसकी शारीरिक अखंडता, सुरक्षा एवं प्रतिष्ठापूर्ण जीवन के अधिकार का सम्मान करने के लिए अंतःकरण के निर्माण द्वारा ही युद्धों की निंदा और अस्वीकृति में योगदान दिया जा सकता है।

घृणा की आग बुझाने के लिए एक साथ
शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना करते हुए कहा है कि शांति के स्रोत ईश्वर उन लोगों को विशेष प्यार करते हैं जो शांति की सेवा में अपना जीवन समर्पित करते। शांति एक ईश्वरीय वरदान है लेकिन साथ ही इसे पाने के लिए मानवीय प्रयास की आवश्यकता है। एक विश्वासी के रूप में हम आशा के गवाह हैं। आशा को एक मोमबत्ती द्वारा दर्शाया जा सकता है, जिसकी रोशनी सुरक्षा और खुशी बिखेरती है, जबकि अनियंत्रित आग, जीव-जंतुओं और वनस्पतियों, बुनियादी ढांचे के विनाश और मानव जीवन की हानि का कारण बन सकती है।

शांति हेतु कार्य करने का आह्वान करते हुए वाटिकन ने कहा, “आइए हम नफरत, हिंसा और युद्ध की आग को बुझाने में शामिल हों, और उनके बजाय शांति की कोमल मोमबत्ती जलाएँ, शांति के लिए उन संसाधनों का उपयोग करें जो हमारी समृद्ध मानवीय और धार्मिक परंपराओं में मौजूद हैं।”

अंत में, रमज़ान रोजा और इसके समापन पर मनाये जाने वाले ईद-उल-फितर के त्योहार के लिए शांति, आशा और खुशी की शुभकामनाओं के साथ संदेश का समापन किया गया है।