भारत के काथलिकों ने लोकसभा चुनाव से पहले प्रार्थना दिवस मनाया

देश में बढ़ते राजनीतिक और धार्मिक तनाव के बीच, आगामी आम चुनाव के पूर्व भारत की काथलिक कलीसिया ने शुक्रवार को प्रार्थना और उपवास में भाग लिया।

भारत जब 19 अप्रैल को होनेवाले 2024 के लोकसभा चुनावों की तैयारी कर रहा है, देशभर के काथलिकों ने शुक्रवार को "उपवास और प्रार्थना के राष्ट्रीय दिवस" ​​में भाग लेकर चुनाव प्रक्रिया पर ईश्वरीय आशीष की याचना की एवं लोकतांत्रिक प्रक्रिया और इसमें शामिल सभी लोगों पर ईश्वर की प्रज्ञा का आह्वान किया।

प्रार्थना दिवस का आह्वान भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन (सीबीसीआई) की ओर से किया गया था।
देश के लिए 12 घंटे की प्रार्थना
दिल्ली के महाधर्माध्यक्ष अनिल कूटो और सीबीसीआई के महासचिव द्वारा हस्ताक्षरित एक पत्र में विश्वासियों का आह्वान करते हुए कहा गया था, "हमारे राष्ट्र के लिए, विशेष रूप से इस वर्ष होनेवाले आम चुनावों के लिए, लगातार 12 घंटे तक प्रार्थना में एकजुट होने का आह्वान किया जाता है।" प्रार्थना के लिए समर्पित इस समय में विश्वासी पारंपरिक प्रथाएँ जैसे ख्रीस्तयाग, पवित्रतम संस्कार की आराधना, रोजरी माला विन्ती और क्रूस रास्ता करने के लिए आमंत्रित थे। इन प्रार्थनाओं के साथ - महाधर्माध्यक्ष कूटो ने लिखा - "हम अपने दिलों को ईश्वर की इच्छा के साथ जोड़ते हैं और कलीसिया की शुद्धि और हमारे राष्ट्र की भलाई के लिए प्रार्थना करते हैं।"

प्रार्थना दिवस का आह्वान पूरे काथलिक समुदाय के लिए किया गया था जिसमें, पुरोहित, धर्मसमाजी और लोकधर्मी सभी आमंत्रित थे।

भारत में बढ़ता राजनीतिक और धार्मिक ध्रुवीकरण
यह पहल भारत में बढ़ते राजनीतिक और धार्मिक ध्रुवीकरण की पृष्ठभूमि में आया, "जो हमारे देश में प्रतिष्ठित सामाजिक सद्भाव को नुकसान पहुंचा रहा है और लोकतंत्र को खतरे में डाल रहा है", भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन ने अपनी बैठक के अंतिम वक्तव्य में टिप्पणी की थी।

बयान में कहा गया है, "ऐसी आशंका है कि विभाजनकारी दृष्टिकोण, घृणास्पद भाषण और कट्टरपंथी आंदोलन बहुलवादी लोकाचार को नष्ट कर रहे हैं जो हमेशा हमारे देश और इसके संविधान की विशेषता रही है", इस बात पर जोर देते हुए कि "संविधान द्वारा गारंटीकृत मौलिक अधिकारों और अल्पसंख्यक अधिकारों को कभी खतरे में नहीं डाला जाना चाहिए।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरे कार्यकाल के लिए चुनाव लड़ रहे हैं
भारतीय लोकसभा चुनाव 19 अप्रैल से 1 जून तक सात चरणों में होनेवाले हैं, जिसमें लगभग 1 अरब मतदाता वोट देंगे। परिणाम 4 जून को आने की उम्मीद है। राष्ट्रवादी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27 दलों से बने प्रतिद्वंद्वी भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (INDIA) के साथ प्रतिस्पर्धा करते हुए लगातार तीसरी बार चुनाव लड़ेंगे।