पोप ने गज़ा में युद्धविराम और क्यूबा में कैदियों की रिहाई की सराहना की

पोप फ्राँसिस ने गज़ा युद्धविराम समझौते के लिए अपना आभार व्यक्त करते हुए, इसका सम्मान करने और गाजा में सहायता पहुंचाने का आह्वान किया। उन्होंने जुबली वर्ष की भावना में कैदियों को रिहा करने की क्यूबा की हालिया घोषणा की भी सराहना की और ख्रीस्तीय एकता के लिए प्रार्थना के सप्ताह को याद किया।

देवदूत प्रार्थना के उपरांत पोप ने गज़ा में युद्धविराम लागू होने की खुशी जाहिर करते हुए सभी मध्यस्थतों के प्रति अपना आभार व्यक्त किया, और कहा, "हाल ही में यह घोषणा की गई थी कि गज़ा में युद्धविराम आज से लागू हो जाएगा। मैं सभी मध्यस्थों के प्रति आभार व्यक्त करता हूँ। मध्यस्थता करना, जिससे शांति स्थापित हो सके, एक अच्छा काम है। मध्यस्थों को धन्यवाद! और मैं इस महत्वपूर्ण उपलब्धि में शामिल सभी पक्षों को भी धन्यवाद देता हूँ।”

समझौते का सम्मान किया जाए
उन्होंने इसपर अपनी आशा व्यक्त करते हुए कहा, “मुझे आशा है कि जो सहमति बनी है उसका दोनों पक्षों द्वारा तत्काल सम्मान किया जाएगा तथा सभी बंधक अंततः घर लौट सकेंगे और अपने प्रियजनों से मिल सकेंगे। मैं उनके और उनके परिवारों के लिए खूब प्रार्थना करता हूँ। मैं यह भी उम्मीद करता हूँ कि मानवीय सहायता गज़ा की जनता तक और भी अधिक तेजी से एवं अधिक मात्रा में पहुंचेगी, क्योंकि इसकी तत्काल आवश्यकता है।”

पोप ने कहा कि इस्राएल और फिलिस्तीन दोनों को आशा के स्पष्ट संकेतों की आवश्यकता है: मुझे आशा है कि दोनों देशों के राजनीतिक अधिकारी, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की मदद से, दोनों राज्यों के लिए सही समाधान तक पहुँच सकेंगे। हर कोई बातचीत के लिए, मेल-मिलाप के लिए और शांति के लिए हाँ कहे। और आइये हम संवाद, मेल-मिलाप एवं शांति के लिए के लिए प्रार्थना करें।”

क्यूबा में आशा का ठोस चिन्ह
तत्पश्चात् पोप ने क्यूबा की याद की जहाँ कुछ कैदियों को जयन्ती वर्ष के मद्देनजर रिहा कर दिया गया। पोप ने कहा, “कुछ दिन पहले क्यूबा की जेलों से कैदियों के एक दल की रिहाई की घोषणा की गई। यह महान आशा का संकेत है जो इस जयंती वर्ष के उद्देश्यों में से एक को ठोस रूप देता है। मुझे उम्मीद है कि आनेवाले महीनों में हम दुनिया के विभिन्न हिस्सों में इस तरह की पहल करते रहेंगे, जिससे व्यक्तियों और लोगों की यात्रा में विश्वास पैदा होगा।”

उसके बाद पोप ने रोम, इटली तथा विश्व के विभिन्न हिस्सों से आये सभी तीर्थयात्रियों का अभिवादन किया।

ख्रीस्तीय एकता प्रार्थना सप्ताह
उन्होंने ख्रीस्तीय एकता प्रार्थना सप्ताह की भी याद दिलाते हुए सभी विश्वासियों को ख्रीस्तीय एकता के लिए प्रार्थना करने का आह्वान किया, “ख्रीस्तयी एकता के लिए प्रार्थना के इन दिनों में, हम प्रभु के सभी शिष्यों के बीच पूर्ण सहभागिता के बहुमूल्य वरदान के लिए ईश्वर से प्रार्थना करें।”

साथ ही पोप ने पीड़ित यूक्रेन, फिलिस्तीन, इस्राएल, म्यांमार और युद्ध से पीड़ित सभी लोगों के लिए भी प्रार्थना करने का आग्रह किया।

और अंत में, अपने लिए प्रार्थना का आग्रह करते हुए सभी को शुभ रविवार की मंगलकामनाएँ अर्पित की।