परमधर्मपीठ के दान आयोग को पोप ने किया स्थगित
पोप लियो 14 वें ने अर्थ नीति हेतु गठित समिति तथा अन्य विशेषज्ञों के साथ सलाह-मशविरे के बाद, एक हस्ताक्षरित दस्तावेज़ जारी कर परमधर्मपीठ के दान आयोग को स्थगित कर दिया।
दान आयोग स्थगित
29 सितम्बर को जारी तथा 04 दिसम्बर को प्रकाशित एक किरोग्राफ अर्थात् हस्ताक्षरित दस्तावेज़ जारी कर पोप लियो 14 वें ने उस दान आयोग को समाप्त कर दिया जिसे सन्त पापा फ्राँसिस ने 11 फरवरी 2025 को स्थापित किया था।
पोप फ्रांसिस का मनोरथ था कि नया कमीशन, परमधर्मपीठ के मिशन और उदारता कार्यों में समर्थन हेतु भक्तों, काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलनों एवं सम्भावित दान दाताओं द्वारा दान को प्रोत्साहित करेगा।
स्थानीय कलीसियाओं और परमधर्मपीठ के बीच एकता
नवीन हस्ताक्षरित दस्तावेज़ में पोप लियो लिखते हैं, “परमधर्मपीठ के लिये दान और निधि उगाहने का मुद्दा, विशेष रूप से परमाध्यक्षीय प्रेरिताई के प्रभावशाली प्रयोग की दृष्टि से, स्थानीय कलीसियाओं और परमधर्मपीठ के बीच एकता और उदारता के सम्बन्ध का एक आवश्यक पहलू है।”
पोप लिखते हैं, परमधर्मपीठीय प्रशासनिक एवं अर्थ नीति सम्बन्धी संरचनाओं एवं गतिविधियों की देखरेख करने वाली समिति ने परमधर्मपीठ के लिये निधि उगाहने के मुद्दा का खास रूप से अध्ययन किया है”, और “इस क्षेत्र के प्रबन्ध के लिये ज़िम्मेदार मौजूदा संस्थागत संरचना को नया आकार देने के लक्ष्य से कई सुझाव दिये हैं।”
अर्थ नीति हेतु गठित समिति के सुझावों पर विचार-विमर्श के उपरान्त ही पोप लियो ने उक्त आयोग को समाप्त करने का फैसला लिया है। हस्ताक्षरित दस्तावेज़ में कहा गया कि तदनुसार, आयोग के सभी सदस्य तुरंत अपना काम बंद कर दें। इसके अलावा, यह ज़रूरी है कि “आयोग की समस्त सम्पत्ति तुरंत परमधर्मपीठ को हस्तान्तरित कर दी जाये।”