दुःखभोग में प्रभु का साथ दें, सिस्टर रोबेर्ता
पवित्र बालकपन परमधर्मपीठीय मिशन सोसाईटी की महासचिव सिस्टर रोबेर्ता त्रेमरेल्ली ने पुण्य सप्ताह के अवसर पर मिशनरी बालक-बालिकाओं को सम्बोधित कर इसके अर्थ पर चिंतन करने हेतु प्रेरित किया है।
पवित्र बालकपन की परमधर्मपीठीय मिशन सोसाईटी के वेबसाईट पर एक वीडियो प्रकाशित कर महासचिव सिस्टर रोबेर्ता त्रेमरेल्ली ने सभी मिशनरी बालक-बालिकाओं को सम्बोधित कर याद दिलाया है कि खजूर रविवार के साथ पुण्य सप्ताह शुरू हो गया है जो काथलिक कलीसिया के लिए वर्ष का सबसे महत्वपूर्ण सप्ताह है। उन्होंने मिशनरी बालकपन के सदस्यों को प्रेम पर चिंतन करने हेतु प्रेरित किया है।
उन्होंने कहा, “ईश्वर वह वफादार मित्र हैं जिन्होंने हमारे साथ व्यवस्थान स्थापित किया है और वे हमें कभी धोखा नहीं देंगे।”
“येसु, ईश्वर के पुत्र, हमारे विश्वनीय मित्र हैं, हमारे जीवन में सबसे अच्छे मित्र” इसलिए “उनके लिए हमारे दिलों में पहला स्थान होना चाहिए, क्योंकि हम ईश्वर के दिल में हैं और हमें उसमें एक विशेष स्थान प्राप्त है...।”
प्रार्थना के लिए प्रोत्साहित करते हुए सिस्टर ने कहा, “हमारी प्रार्थना हमारे प्रति उनकी वफादारी के लिए प्रभु, येसु की स्तुति और धन्यवाद है। येसु हमें कभी नहीं छोड़ते; और अपनी प्रार्थनाओं के माध्यम से हम अपने जीवन में उसकी निरंतर उपस्थिति के लिए प्रभु को धन्यवाद देते और उसकी स्तुति करते हैं।”
उन्होंने कहा, “मिशनरी बालकपन के सदस्यों के रूप में हम अपनी दैनिक प्रतिबद्धता में, प्रतिदिन येसु के साथ अपनी दोस्ती को गहरा करना चाहते हैं और उनके प्यार को सभी तक पहुंचाना चाहते हैं।
हमें यकीन है: हम यीशु के दोस्त बनना चाहते हैं!”
उन्होंने कहा, हम खजूर रविवार में येसु के येरूसालेम प्रवेश की याद करते हैं जब भारी संख्या में लोगों ने उनका जय-जयकार किया था लेकिन जब उनके दुःखभोग का समय आया तो सभी ने उन्हें छोड़ दिया।
उन्होंने कहा, “लेकिन आज हम, उनके शिष्यों के रूप में, उनके मिशनरी शिष्यों के रूप में, उनके साथ, ईश्वर और मरियम के साथ रहने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
प्रिय मिशनरी बच्चों, हम अपनी बुलाहट का उत्तर देने, अपनी प्रार्थना से ईश्वर की मित्रता और विश्वासयोग्यता का उत्तर देने, येसु के साथ रहने के लिए स्वयं को प्रतिबद्ध करें।
ईश वचन, सुसमाचार को सुनने और पढ़ने से, हम उस अद्भुत प्रेम का अनुभव कर सकते हैं जो ईश्वर का हमारे लिए है; हम हमारे लिए उसकी देखभाल के महसूस कर सकते हैं।
इसलिए, हम अपनी प्रार्थनाओं के माध्यम से येसु को हृदय में उत्तर दें, दुःखभोग में उसका साथ दें और इस प्रकार उनके साथ पुनरुत्थान की खुशी तक पहुंचेंगे, ताकि यह संदेश सभी लोगों को मिलेगा कि उन्होंने मृत्यु पर विजय पायी है।
सिस्टर ने सभी मिशनरी बालक बालिकाओं को आमंत्रित करते हुए कहा, “मैं आपको येसु के साथ जागते रहने और दुखभोग की घटनाओं, उनके शब्दों, उनके कार्यों और उनके मौन के प्रति आंखें एवं दिल खुला रखकर साहसी बने रहने के लिए आमंत्रित करती हूँ।” उस पर हमारे विश्वास की गवाही देने के लिए हमेशा तैयार रहें।
“आइए, हम येसु के साथ रहें, जो कुछ भी होता है उससे निराश न हों, लेकिन हमेशा उनकी प्रतिज्ञा पर भरोसा रखें।” हम अंत तक पीड़ित येसु के साथ रहें। याद रखें कि अपने मिशन के दौरान, येसु ने हमेशा बच्चों का स्वागत किया और अब हमारी बारी है कि हम उनका स्वागत करें। हम बुराई के खिलाफ मजबूत होने के लिए येसु से प्रार्थना करें।
आइए, हम उन्हें जानने और उनका गवाह बनने के लिए क्रूसित और पुनर्जीवित येसु की ओर देखें।
परमधर्मपीठीय मिशन सोसाईटी की महासचिव सिस्टर रोबेर्ता त्रेमरेल्ली ने सभी बच्चों, उनके माता-पिता और संचालकों को फलप्रद पुण्य सप्ताह एवं आनन्दमय पास्का की शुभकामनाएँ दी हैं।