केवल एकजुट रहकर हम मानव तस्करी को हरा सकते हैं

दुनिया भर में 50 मिलियन से अधिक लोग गुलाम हैं और उनका शोषण किया जाता है क्योंकि मानव तस्कर अधिक जटिल रूपों में, बच्चों एवं आप्रवासियों सहित कमजोर लोगों को आधुनिक गुलामी के जाल में फंसाते हैं। काथलिक कलीसिया इस घटना के खिलाफ लड़ाई में तेजी से आगे बढ़ रही है जिसे पोप फ्राँसिस ने "मानवता के शरीर में एक खुला घाव" कहा है।

8 फरवरी को मानव तस्करी के खिलाफ विश्व प्रार्थना और जागरूकता दिवस में भाग लेने के लिए सद्भावना वाले सभी लोगों को आमंत्रित किया जाता है।

रविवार को देवदूत प्रार्थना के उपरांत पोप फ्राँसिस ने मानव तस्करी के खिलाफ विश्व दिवस पर प्रकाश डाला था। उन्होंने इस नाटकीय वैश्विक घटना से लड़ने के लिए सद्भाव रखनेवाले सभी लोगों को एक साथ आने के लिए आमंत्रित किया था, यह देखते हुए कि हमारे कई भाइयों और बहनों को झूठे वादों से धोखा दिया जाता और उन्हें शोषण एवं दुर्व्यवहार का शिकार बनाया जाता है।

सूडानी धर्मबहन संत जोसेफिन बखिता, जिसे एक युवती के रूप में गुलाम बनाया गया था और जो इस त्रासदी के खिलाफ कलीसिया की प्रतिबद्धता की प्रतीक बन गई हैं - उनके पर्व को अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाने का उद्देश्य है उस अदृश्य व्यापार के खिलाफ समर्थन जुटाना और जागरूकता बढ़ाना, जिसमें लाखों कमजोर लोगों को हिंसा और अन्याय का शिकार होना पड़ता है।

मानव तस्करी से निपटने के लिए कलीसिया के प्रयासों में तालिथा कुम है, जो 6,000 से अधिक धर्मबहनों और साझेदारों का एक वैश्विक नेटवर्क है, जिसको विश्वभर के धर्मसमाजों की परमाधिकारिणीयों के संघ (यूआईएसजी) का समर्थन प्राप्त है।

इस वर्ष तलिथा कुम की अंतर्राष्ट्रीय समन्वयक, सिस्टर एबी एवेलिनो ने पचास युवा प्रतिनिधियों के लिए रोम में एक सप्ताह की जागरूकता बढ़ानेवाली गतिविधियों का आयोजन किया है।

आमदर्शन समारोह में भाग लेने के बाद, सिस्टर एबी और युवा प्रतिनिधियों में से एक – फेलिचा मोनजेरा - ने नेटवर्क की प्रतिबद्धता के लिए पोप फ्राँसिस के समर्थन के बारे में वाटिकन न्यूज़ से बात की, कि कैसे युवाओं की भागीदारी पर ध्यान तेजी से बढ़ रहा है।

सिस्टर एबी ने मानव तस्करी से निपटने में व्यापक नेटवर्क की भूमिका पर अपनी अंतर्दृष्टि साझा की। उन्होंने रोम में यूआईएसजी और यूएसजी के सदस्यों द्वारा 2009 में शुरू की गई तालिथा कुम के विकास के बारे में बात की।

सिस्टर एबी ने बताया, "तब से, तालिथा कुम सभी महाद्वीपों के 97 देशों में 58 नेटवर्क के साथ एक जबरदस्त ताकत बन गई है।"

सहयोगात्मक प्रयासों की आवश्यकता पर जोर देते हुए, उन्होंने अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों, सरकारी निकायों, कलीसिया के नेताओं और युवाओं सहित विभिन्न भागीदारों के साथ नेटवर्किंग के महत्व को रेखांकित किया।

मानव तस्करी से निपटने की चुनौती पर विचार करते हुए, सिस्टर एबी ने जागरूकता और रणनीतिक नेटवर्किंग की शक्ति पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "तस्करों का नेटवर्क अधिक चालाक और जटिल होता जा रहा है। मानव तस्करी से निपटने के लिए नेटवर्किंग महत्वपूर्ण है।"

सिस्टर एबी ने नेटवर्क द्वारा प्रचारित विशिष्ट कार्यक्रमों पर प्रकाश डाला। उन्होंने स्थिति की तात्कालिकता से अवगत कराते हुए कहा कि दुनिया भर में चार में से एक बच्चा मानव तस्करी और शोषण का शिकार होता है।

पोप फ्राँसिस के निरंतर और मुखर समर्थन के लिए सिस्टर एबी ने गहरा आभार व्यक्त किया।

उन्होंने कहा, "पोप फ्राँसिस अपने परमाध्यक्षीय काल की शुरुआत से ही बहुत सहायक रहे हैं। उनके संदेश, विशेष रूप से मानव तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय प्रार्थना दिवस, अधिक युवाओं को इस मुहिम में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित और प्रेरित करते हैं।"

मलावी की युवा फेलिचा मोंजेज़ा, मानव तस्करी के खिलाफ 2024 विश्व प्रार्थना और जागरूकता दिवस की गतिविधियों के लिए रोम में हैं, जिसमें प्रार्थना और जागरूकता की एक ऑनलाइन तीर्थयात्रा भी शामिल है।

युवा प्रतिनिधियों ने मानव तस्करी के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए इसका आयोजन किया है।

दक्षिणी अफ्रीका में जहाँ तस्करी मुख्य रूप से गरीबी और आप्रवासन के कारण होती है, फेलिचा ने कहा, “तलिथा कुम हम युवाओं के लिए मानव तस्करी के खिलाफ लड़ाई में सक्रिय रूप से शामिल होने का एक मंच है।"

उन्होंने तलिथा कुम जैसे समन्वित नेटवर्क के परिवर्तनकारी प्रभाव को बरकरार रखा जो युवा आवाज़ों को सशक्त बनाता है और उन्हें प्रभावी ढंग से जुड़ने और जागरूकता बढ़ाने के लिए एक मंच का हिस्सा बनाता है।