चर्च नेताओं और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने कर्नाटक में पास हुए भारत के पहले राज्य-स्तरीय नफ़रत फैलाने वाले भाषणों के खिलाफ़ कानून का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि यह ईसाई सहित धार्मिक अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने वाले बढ़ते नफ़रत भरे अपराधों और भड़काऊ बयानबाज़ी को रोकने में मदद करेगा।