सीरो-मालाबार महाधर्माध्यक्ष ने कतर, कुवैत और बहरीन का दौरा किया

भारत के सीरो-मालाबार काथलिक कलीसिया के धर्माधिपति महाधर्माध्यक्ष राफायल थाट्टिल ने उत्तरी अरब की प्रेरितिक यात्रा कर स्थानीय श्रद्धालुओं से कहा कि वे अपनी आस्था और विरासत के साथ “मजबूत संबंध” बनाए रखें, साथ ही अपने नए वातावरण में “सकारात्मक योगदान” दें।

उत्तरी अरब का दौरा
कतर, कुवैत और बहरीन का दौरा कर सीरो-मालाबार काथलिक कलीसिया के धर्माधिपति महाधर्माध्यक्ष राफायल थाट्टिल ने स्थानीय काथलिक धर्मानुयायियों के लिये ख्रीस्तयाग अर्पित किया तथा स्थानीय सिरो-मालाबार समुदाय के कलीसियाई अधिकारियों एवं लोगों से मुलाकात की।

केरल स्थित सीरो-मालाबार कलीसिया के बहुत से अनुयायी कतर, कुवैत और बहरीन में नौकरियाँ करते हैं तथा प्रवासी श्रमिकों की उच्च संख्या के कारण सम्पूर्ण विश्व में सीरो-मालाबार काथलिकों की उपस्थिति मज़बूत है। सभी उक्त देश उत्तरी अरबी प्रेरितिक प्रशासन के अधीन आते हैं।  

महाधर्माध्यक्ष राफायल थाट्टिल  कुवैत में
उत्तरी अरब के प्रेरितिक प्रशासन की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि महाधर्माध्यक्ष थाट्टिल की प्रेरितिक यात्रा का उद्देश्य "स्थानीय समुदायों, आध्यात्मिक गुरुओं और अनुयायियों के साथ मिलकर विश्वास और एकजुटता के बंधन को मजबूत करना" था।

 प्रेस विज्ञप्ति में आगे कहा गया है कि महाधर्माध्यक्ष द्वारा अर्पित ख्रीस्तयागों और धार्मिक अनुष्ठानों में उन्होंने "समकालीन जीवन की चुनौतियों" से निपटने के साथ-साथ "समुदाय में एकता और विश्वास" के महत्व पर ज़ोर दिया।

लगभग पूरी तरह से आप्रवासियों से संरचित स्थानीय सीरो-मालाबार समुदायों के साथ अपनी बैठकों में महाधर्माध्यक्ष थाट्टिल ने "प्रभु ख्रीस्त में विश्वास और कलीसिया की विरासत के साथ मजबूत संबंध बनाए रखने" के महत्व को रेखांकित किया और साथ ही अपने वर्तमान समुदाय में "सकारात्मक योगदान" करने की आवश्यकता पर भी बल दिया।

इस प्रेरितिक यात्रा के दौरान प्रेरितिक प्रशासन के उपाध्यक्ष धर्माध्यक्ष आल्दो बेरार्दी महाधर्माध्यक्ष थाट्टिल के साथ थे जिन्होंने यात्रा पर टीका करते हुए कहा, "इस यात्रा ने स्थानीय सीरो-मालाबार समुदाय की आध्यात्मिक प्रतिबद्धताओं को सुदृढ़ किया है" और "व्यापक समुदाय में सक्रिय भागीदारी" के महत्व को रेखांकित किया है।