लाल बुधवार को सताए गए ख्रीस्तियों के सम्मान में स्मारकों को लाल रंगों से प्रकाशित किया जाएगा

20 नवंबर को दुनिया भर के कई शहरों में प्रमुख इमारतें लाल रंग में रंगी जाएंगी, जो सताए गए ख्रीस्तियों के लिए जरूरतमंद कलीसिया को सहायता (एसीएन) के वार्षिक अभियान लाल बुधवार को चिह्नित करेगी।

पोप का जरूरतमंद कलीसिया को सहायता संस्थान (एसीएन) द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय #रेड वेनेस्डे वार्षिक अभियान के तहत 20 नवंबर को दुनिया भर के सैकड़ों महागिरजाघर, गिरजाघऱ, स्मारक और सार्वजनिक भवन लाल रंग से जगमगाएंगे।

इस पहल को सबसे पहले काथलिक चैरिटी ने 2016 में ख्रीस्तीय विरोधी उत्पीड़न की वास्तविकता पर प्रकाश डालने और मौलिक मानव अधिकार के रूप में धार्मिक स्वतंत्रता के महत्व पर जोर देने के लिए शुरू किया था। तब से, अभियान में भागीदारी लगातार बढ़ रही है, जिसमें ख्रस्तीय दुनिया भर में अपने सताए गए भाइयों और बहनों के लिए प्रार्थना करने के लिए इकट्ठा होते हैं।

प्रमुख इमारतों को लाल रंग से रोशन किया जाएगा
18-24 नवंबर तक पूरे सप्ताह चलने वाले इस कार्यक्रम में 20 से ज़्यादा देशों में करीब 300 कार्यक्रम आयोजित किए जाएँगे, जिनमें पवित्र मिस्सा समारोह, वार्ताएँ, लाइवस्ट्रीम, संगीत कार्यक्रम और संसदीय चर्चाएँ शामिल हैं।

यूनाइटेड किंगडम, यूनाइटेड स्टेट्स, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, स्पेन, जर्मनी, इटली, फिलीपींस, मेक्सिको, चिली और कोलंबिया जैसे देश इसमें हिस्सा ले रहे हैं।

आयरलैंड ने अपने 26 गिरजाघरों को लाल रंग से रोशन करने की योजना बनाई है। फ्रांस में, इस कार्यक्रम में उन लोगों की गवाही शामिल होगी जिन्होंने उत्पीड़न सहा है, जबकि एसीएन जर्मनी एक संगीत कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बना रहा है जिसका सीधा प्रसारण किया जाएगा।

ब्रिटेन में सताए गए ख्रीस्तियों के लिए प्रार्थना करना
ब्रिटेन में, वेस्टमिंस्टर के महाधर्माध्यक्ष और इंग्लैंड एवं वेल्स के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष कार्डिनल विंसेंट निकोल्स ने एक वीडियो संदेश में अभियान का समर्थन किया है, जिसमें पल्लियों और व्यक्तियों को जागरूकता बढ़ाने और पीड़ित ख्रीस्तियों के लिए प्रार्थना में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है।

लंदन में, जहां शाम 7 बजे ब्रॉम्पटन ऑरेटरी में एक विशेष मिस्सा समारोह आयोजित किया जाएगा, वेस्टमिंस्टर संसद जैसी प्रसिद्ध इमारतें लाल रंग में जगमगाएंगी और देश भर के श्रद्धालुओं को इस रंग के कपड़े पहनने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, जो शहीदों के खून का प्रतीक है।

इस दिन की पूर्व संध्या पर,  एसीएन-यूके ने लोगों से एक खुले पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए भी कहा है, जिसमें ब्रिटिश विदेश सचिव डेविड लैमी से दुनिया भर में ख्रीस्तियों और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों की अद्वितीय कमजोरियों को पहचानते हुए उनका समर्थन करने के लिए करदाताओं द्वारा वित्तपोषित विदेशी विकास सहायता को और अधिक बढ़ाने का आह्वान किया गया है।

इस वर्ष का अभियान अफ्रीका, मध्य पूर्व और अन्य जगहों पर उत्पीड़न और हिंसक संघर्ष से विस्थापित ईसाई बच्चों और युवाओं पर केंद्रित होगा, एसीएन की राष्ट्रीय निदेशक करोलीन हल ने बताया।

चर्च ऑफ इंग्लैंड अभियान में शामिल हो रहा है
इस साल पहली बार चर्च ऑफ इंग्लैंड भी इसमें शामिल हो रहा है। सीओई की वेबसाइट ने कई तरह के संसाधन उपलब्ध कराए हैं, जिनका उपयोग लोग, पल्लियाँ और संगठन सताए गए ख्रीस्तियों के हित में कर सकते हैं।

संकट में फंसे अपने भाइयों और बहनों के लिए ख्रीस्तियों द्वारा की जाने वाली प्रार्थनाओं और विशिष्ट तिथियों को सूचीबद्ध किया गया है, जिसमें 15 फरवरी, समकालीन शहीदों का दिन, 22 अगस्त, धर्म या विश्वास के आधार पर हिंसा के कृत्यों के पीड़ितों की याद में मनाया जाने वाला दिन और नवंबर के पहले रविवार को सताई गई कलीसिया के लिए प्रार्थना का अंतर्राष्ट्रीय दिवस शामिल है।

2022-2024 के बीच उत्पीड़न और भी बदतर
अक्टूबर में प्रकाशित एसीएन की नवीनतम द्विवार्षिक रिपोर्ट, "उत्पीड़ित और भुला दिए गए?" के अनुसार, 2022 और 2024 के बीच सर्वेक्षण किए गए अधिकांश देशों में ख्रीस्तियों के उत्पीड़न में उल्लेखनीय रूप से वृद्धि हुई है।

रिपोर्ट में विस्थापन, महिलाओं और लड़कियों की जबरन शादी और धर्मांतरण विरोधी कानूनों पर प्रकाश डाला गया है।