युद्धग्रस्त क्षेत्रों के परिवार और पोप लियो की उत्कंठा

वाटिकन स्थित सन्त पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में स्वर्ग की रानी प्रार्थना के पाठ से पूर्व पोप लियो 14 वें ने परिवारों के लिये पवित्र वर्ष की जयन्ती हेतु एकत्र तीर्थयात्रियों का अभिवादन किया और प्रभु येसु के स्वर्गारोहण के पर्व पर चिन्तन किया।

परिवारों की व्यथा
परिवारों, बच्चों, दादा-दादी और बुजुर्गों की जयंती के लिए वाटिकन में एकत्रित विश्व के सभी भागों से आए 131 देशों के प्रतिनिधिमंडलों का अभिवादन करते हुए पोप लियो XIV ने मध्य पूर्व, यूक्रेन और विश्व के अन्य भागों में युद्ध के कारण पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा, "ईश्वर की माता पवित्र कुँवारी मरियम हमें शांति के मार्ग पर आगे बढ़ने में मदद करें।"

बच्चों की उपस्थिति और उनके द्वारा लाई गई आशा पर विशेष प्रसन्नता व्यक्त करते हुए, पोप ने परिवारों को “छोटी घरेलू कलीसियाओं” के रूप में वर्णित किया, “जहां सुसमाचार का संदेश प्राप्त किया जाता है और आगे बढ़ाया जाता है।” और संत जॉन पॉल द्वितीय द्वारा परिवारों को लिखे विश्व पत्र “ग्रातिसिमम साने” को उद्धृत करते हुए उन्होंने कहा, "परिवार की उत्पत्ति उसी प्रेम में होती है जिसके साथ सृष्टिकर्त्ता प्रभु ईश्वर सृजित दुनिया का आलिंगन करते हैं।"

परिवार के वयोवृद्धों को विशेष धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा, "हमारे परिवारों में विश्वास, आशा और प्रेम हमेशा बढ़ता रहे।" उन्होंने कहा कि दादा-दादी और घर के बुजुर्ग "वास्तविक विश्वास का आदर्श और युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा हैं।"

स्वर्गारोहण महापर्व
पोप लियो ने श्रद्धालुओं को याद दिलाया कि दुनिया के कई हिस्सों में इस रविवार को प्रभु के स्वर्गारोहण का महापर्व मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा, "यह एक खूबसूरत पर्व है, जो हमें अपनी सांसारिक यात्रा के लक्ष्य की ओर अग्रसर करता है।"

शनिवार को पोलैण्ड में सन्त कैथरीन को समर्पित धर्मसंघ की क्रिस्टोफोरा क्लोफास और उनकी सहयोगी 14 धर्मबहनों की धन्य घोषणा का उन्होंने स्मरण दिलाया और बताया कि इन धर्मबहनों की हत्या उस समय कर दी गई थी जब लाल सेना ने पोलैण्ड पर धावा बोलकर कब्ज़ा कर लिया था। सन्त पापा ने कहा, “काथलिक धर्म के विरुद्ध घृणा और आतंक के माहौल के बावजूद, ये धर्मबहनें बीमारों और अनाथों की सेवा में लगी रहीं थीं।”  

तदोपरान्त, पोप ने नव धन्य शहीदों की मध्यस्थता का आह्वान कर, “समस्त विश्व की उन सभी धार्मिक महिलाओं के लिए प्रार्थना की जो ईश्वर के राज्य के लिए उदारतापूर्वक खुद को समर्पित कर देती हैं।”

विश्व सम्प्रेषण दिवस
रविवार को मनाये गये 59वें विश्व सामाजिक सम्प्रेषण और संचार दिवस को याद कर पोप ने स्मरण दिलाया कि इसकी स्थापना 1967 में पोप पौल षष्टम ने की थी। उन्होंने "मीडिया पेशेवरों के प्रति आभार व्यक्त किया, जो अपने संदेशों की नैतिक गुणवत्ता को बनाए रखते हुए, अपनी शैक्षिक भूमिका में परिवारों का समर्थन करते हैं।"