कोरदोबा गुरुकुल छात्र समुदाय से पोप फ्राँसिस
स्पेन के कोरदोबा शहर के काथलिक गुरुकुल छात्रों, प्रशिक्षण कर्त्ताओं एवं प्राध्यापकों के समुदाय के प्रतिनिधिमण्डल ने शुक्रवार को वाटिकन में पोप फ्राँसिस का साक्षात्कार कर उनका सन्देश सुना।
वाटिकन में गुरुकुल समुदाय के प्रतिनिधिमण्डल का स्वागत करते हुए पोप फ्राँसिस ने कहा, "इस घर में आपका स्वागत करते हुए मैं हर्षित हूँ, जहां आप इस जयंती वर्ष में आशा के तीर्थयात्री के रूप में आए हैं।" उन्होंने कहा कि जीवन की यात्रा में, हम आशा को उन संकेतों के रूप में पहचान सकते हैं जो हमें रास्ता दिखाते हैं।
पोप ने कहा कि तीर्थयात्रा का पहला संकेत है, मार्गदर्शन: स्वर्ग की ओर तथा येसु के साथ निर्णायक मुलाकात की ओर मार्गदर्शन। उन्होंने कहा कि यह संकेत पहली स्थिति में नहीं और न ही सबसे आरामदायक स्थानों में ही है, क्योंकि ये स्थितियाँ तो मृत छोर हैं, जहाँ दुर्भाग्यवश यदि हम उनमें प्रवेश कर जाते हैं, तो बाहर निकलना कठिन ही नहीं शर्मनाक हो जाता है।
दूसरा संकेत, उन्होंने कहा, रास्ते में आने वाले ख़तरे हैं। आप एक खूबसूरत जगह से आये हैं जिसका नाम शहीद संत पेलाजियो के नाम पर रखा गया है, जो कि शहीदों का एक प्राचीन स्थल है। पोप ने कहा कि जैसा कि उस पवित्र बालक ने युद्ध की पीड़ा के बीच, मानव के लिए सबसे अधिक अयोग्य क्रूरता के बीच, आशा के हेलमेट से लैस होकर किया था, वैसा कोई भी गवाही दे सकता है, कोई भी ईश्वर के मार्ग पर दृढ़ रह सकता है, आश्वस्त हो सकता है, इस विश्वास के साथ कि येसु हमेशा आपका समर्थन करेंगे और आपको आशा के बीज बोने की शक्ति भी देंगे।
तीसरा चिन्ह, उन्होंने कहा, विश्राम के क्षेत्र हैं। इस यात्रा में, जो अब आपको पवित्र द्वार को पार करने और प्रेरितों की कब्रों पर जाने के लिए रोम तक ले आई है, हमें समर्थन की आवश्यकता है, ताकि हम उनकी उपस्थिति को महसूस कर सकें जो हमारी एकमात्र आशा है, येसु।
येसु पर भरोसा रखें
पोप ने कहा कि येसु स्वयं को हमारे सामने स्वामी और प्रभु के रूप में प्रस्तुत करते हैं, वे अपने वचन और यूखारिस्त में स्वयं को भोजन के रूप में हमें देते हैं। जब हमारी गाड़ी बीच सड़क पर पंक्चर हो जाती है तो वे उसे ठीक करते हैं और जब थकान हमें घेर लेती है और हमें रुकना पड़ता है तो वे हमारा स्वागत करते हैं।
उन्होंने कहा कि यात्रा के बीच में किसी पड़ाव पर रुकना आवश्यक है और हमारा यह पड़ाव है आशा, जिसके बिना यात्रा पर निकलना मूर्खता होगी, परन्तु येसु पर भरोसा रखते हुए, इसमें कोई संदेह नहीं है कि हम इच्छित स्थान पर अवश्य पहुंच जायेंगे।
कोरदोबा के गुरुकुल समुंदाय से पोप ने कहा कि वे यह कदापि न सोचें कि आशा का बीज बोने का मतलब दयालु शब्द कहना या भावुक भलाई करना है। यह मार्ग येसु का मार्ग है, जो सांसारिक जैरूसालेम से होकर स्वर्गिक जैरूसालेम की ओर जाता है, वह मार्ग जो क्रूस को गले लगाता है, और असंख्य किरीनी लोगों द्वारा समर्थित है। एक ऐसा मार्ग जिस पर हम अकेले आगे नहीं बढ़ सकते, बल्कि समुदाय के साथ मिलकर उन लोगों का मार्गदर्शन, बचाव, सहायता और आशीर्वाद प्राप्त करते हुए आगे बढ़ सकते हैं जिन्हें प्रभु ने हमारे प्रशिक्षण कार्य के लिये सिपुर्द किया है। येसु आपको इन सब में समर्थन दें और पवित्र कुँवारी मरियम आपकी रक्षा करें।