अन्त में 31 अक्टूबर सन 1617 को प्रभु के इस विनीत सेवक धर्मबन्धु अल्फोन्सुस का देहांत हुआ। 15 जनवरी 1888 को सन्त पिता लियो 13वें द्वारा उनके मित्र संत पीटर क्लेवर के साथ उन्हें सन्त घोषित किया गया। सन्त अल्फोन्सुस कहा करते थे- "हमारे दैनिक जीवन के कष्ट-पीड़ाओं रुपी क्रूस ही हमारे लिए स्वर्ग का मार्ग है।" माता कलीसिया सन्त अल्फोन्सुस का पर्व 31 अक्टूबर को मनाती है।

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