ईश्वर ने धर्माध्यक्ष थॉमस को बीमारों को चंगा करने एवं कठोर पापियों के मन परिवर्तन के वरदानों से विभूषित किया था। सन 1555 में इस पवित्र धर्माध्यक्ष का देहांत हुआ; और सन 1658 में संत पिता अलेक्जांडर सातवें ने उन्हें संत घोषित किया। संत थॉमस का कथन था -"उत्तम जीवन ही सबसे बड़ी समझदारी है। यदि आप में यह समझदारी है तो आप सर्वाधिक ग्यानी व्यक्ति होंगे।
माता कलीसिया उनका पर्व 22 सितम्बर को मनाती है।

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