मत्ती ने येसु के जीवन और शिक्षा पर अधिक बल दिया है। उन्होंने कुछ विशेष बातों का उल्लेख किया है जो दूसरे सुसमाचारों में नहीं मिलते; जैसे- 'पर्वत पर प्रवचन', येसु का जन्म कुंवारी मरियम से हुआ जिसकी मंगनी योसेफ नामक पुरुष से हुई थी, जो दाऊद के घराने और वंश का था', 'ज्योतिषियों का आगमन ' तथा 'मिश्र में पलायन।' इसी तरह येसु पेत्रुस को 'चट्टान' कह कर पुकारते हैं जिस पर वे अपनी कलीसिया की स्थापना करेंगे; प्रभु येसु पेत्रुस को स्वर्गराज्य की कुंजियाँ प्रदान करते, पेत्रुस साथ-साथ समुद्र पर चलते; और प्रभु का यह आश्वासन कि मैं संसार के अंत तक तुम्हारे साथ रहूँगा।
माना जाता है कि संत मत्ती ने यहूदिया के अतिरिक्त कई अन्य प्रांतों में भी प्रभु के सुसमाचार का प्रचार किया और अंत में उसी विश्वास के कारण शत्रुओं द्वारा उन्हें पथरवाह करके मार डाला गया और वे प्रभु के लिए शहीद बने।
कलीसिया में संत मत्ती का पर्व 21 सितम्बर को मनाया जाता है।

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