Radio Veritas Asia Buick St., Fairview Park, Queszon City, Metro Manila. 1106 Philippines | + 632 9390011-15 | +6329390011-15
वाटिकन ने किया प्रकाशित रमादान का सन्देश।
वाटिकन स्थित परमधर्मपीठीय अन्तरधार्मिक परिसम्वाद परिषद ने रमादान महीने के उपलक्ष्य में विश्व के समस्त इस्लाम धर्मानुयायियों के प्रति सौहार्द्रपूर्ण शुभकामनाएँ अर्पित की है। परिषद की आशा है कि सृष्टिकर्त्ता ईश्वर की आशीष समस्त इस्लाम धर्मानुयायियों के आध्यात्मिक विकास का निमित्त बने।
सन्देश में वाटिकन परिषद ने लिखा, प्रार्थना एवं उदारता के पवित्र कार्यों सहित उपवास, हमें सृष्टिकर्त्ता प्रभु ईश्वर तथा उन सबके क़रीब ले जाता है जिनके साथ हम रहते और काम करते हैं। साथ ही, इससे हमें भ्रातृत्व भाव में एक साथ आगे बढ़ने की शक्ति मिलती है।
सन्देश में कहा गया, "पीड़ा और दुःख के इन लंबे महीनों के दौरान, विशेष रूप से लॉकडाउन की अवधि में, हमने दिव्य सहायता की आवश्यकता को महसूस किया, तथापि, भ्रातृत्व एवं एकजुटता के संकेतों को भी देखा: एक टेलीफोन कॉल, समर्थन के संदेश, एक प्रार्थना, दवाइयां या भोजन खरीदने में सलाह आदि की आवश्यकता को हमने महसूस किया तथा यह जानकर सुरक्षित रहे कि आवश्यकता के समय में कोई हमेशा हमारे लिए है। यह प्रभु ईश्वर की कृपा का फल है।"
वाटिकन के सन्देश में कहा गया कि ईश्वर जिन्होंने हमारा सृजन किया वे कदापि हमारा परित्याग नहीं करते, वे सदैव हमारी रक्षा को आगे आते हैं और यही हमारी आशा का स्रोत है।
मानव भाईचारा, अपनी विभिन्न प्रकार की अभिव्यक्तियों में, आशा का स्रोत बन जाता है, जो ज़रूरतमन्दों की मदद तथा उनके प्रति एकात्मता की भावना में प्रकट होता है। कोविद-महामारी के दौरान हम सबने इस एकात्मता का अनुभव किया है। धार्मिक, नस्लीय, सामाजिक एवं आर्थिक सीमाओं से परे लोगों ने कठिनाइयों में पड़े लोगों की मदद की है। ये उदारता के कार्य हम विश्वासियों को स्मरण दिलाते हैं कि भाईचारे का भाव विश्वव्यापी एवं सार्वभौमिक है।
सन्देश में कहा गया कि भ्रातृत्व भाव अपनाकर हम सृष्टिकर्त्ता ईश्वर का अनुसरण करते हैं, जो मानव जाति और सम्पूर्ण ब्रहमाण्ड के प्रति उदार रहते हैं। सन्त पापा फ्राँसिस के विश्वपत्र फ्रातेल्ली तूती का सन्दर्भ देकर सन्देश में कहा गया कि "आशा हमारे हृदयों में उन वस्तुओं की तड़प को उत्पन्न करती है जो हमें सत्य, भलाई, सौन्दर्य, प्रेम, न्याय एवं शांति को मूल्यों का दर्शन कराती है।" "इसीलिये, हम ख्रीस्तीयों एवं मुसलमानों को आमंत्रित किया जाता है कि हम वर्तमान में और भविष्य में भी आशा के सन्देशवाहक बनें, विशेष रूप से उन लोगों के लिये जो जीवन के कठिन दौर से गुज़र रहे हैं।"
Add new comment