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पोप ने फ्रांसीसी युवाओं को पवित्रता की विरासत के निर्माण हेतु प्रोत्साहित किया
पोप फ्राँसिस ने फ्रांस के शहर विवियर्स के युवा तीर्थयात्रियों से मुलाकात की, जो कि चार्ल्स डी फौकॉल्ड और मेरी रिवियर के गृहनगर से हैं, जिन्हें रविवार को संत घोषित किया जाएगा। पोप ने युवाओं को पवित्रता की विरासत का निर्माण करने के लिए आमंत्रित किया।
पोप फ्राँसिस ने शनिवार सबह वाटिकन के सामान्य लोकसभा परिषद भवन में फ्रांस विवियर्स धर्मप्रांत से आये युवाओं से मुलाकात की। जो अपने धर्मप्रांत के दो नये संतों की घोषणा समारोह में शरीक होने रोम आये हैं। संत पापा ने उनका तहे दिल से स्वागत किया।
पोप ने कहा कि विविएर्स धर्मप्रांत दो नए संतों: चार्ल्स डी फौकॉल्ड और मेरी रिवियर को पाकर समृद्ध हो गया। पोप ने कहा, “आप अपने धर्मप्रांत में जिस हवा में सांस लेते हैं वह विशेष रूप से स्वस्थ होनी चाहिए! क्योंकि मैं 2019 में शहीद के रूप में आपके धर्मप्रांत के फादर गेब्रियल लॉन्गविले को धन्य घोषित किया था और जिनसे मैं अर्जेंटीना में मिला था। उनका आत्म-त्याग और पल्ली के सबसे गरीब लोगों पर उनका ध्यान जहां उन्होंने काम किया, वे अपनी जन्मभूमि के पुरोहितों के लिए एक आदर्श हैं। धन्य और भविष्य के संतों का यह उत्तराधिकार स्पष्ट रूप से आपके धर्मप्रांत की फलदायिका को दर्शाता है और मुझे आशा है कि आप पवित्रता की इस विरासत को संरक्षित करने में सक्षम होंगे।”
पोप ने इच्छा प्रकट की कि वे धन्य चार्ल्स डी फौकॉल्ड से ईश्वर के उस अनुभव को सीखें, जिसने उन्हें उपस्थिति के साथ प्रचार करने के लिए प्रेरित किया। एक विवेकपूर्ण सुसमाचार प्रचार इसके लिए एक सुसंगत जीवन की गवाही की आवश्यकता होती है, जो वास्तव में ईश्वर द्वारा प्रेम किए गए प्रत्येक व्यक्ति की आकांक्षाओं के अनुरूप है जो क्षणिक या तत्काल सुख के अलावा किसी और चीज के लिए बुलाये जाते हैं। यदि वे इसे स्वीकार करते हैं तो वे आटे में खमीर की तरह होंगे, जिसे उनके बाद की पीढ़ियां उनके आध्यात्मिक फल प्राप्त करने में सक्षम होंगी।
पोप ने युवाओं को धन्य चाल्स डी फौकॉल्ड की आध्यात्मिकता के तीन प्रमुख बातों : सुसमाचार, यूखरिस्त और सुसमाचार प्रचार पर आधारित करने के लिए प्रेरित किया। साथ ही पोप ने धन्य चार्ल्स की ईश्वर को आत्मसमर्पण की प्रार्थना को सीखने और मननचिंतन करने का सुझाव दिया। प्रार्थना इस प्रकार है, "मेरे पिता, मैं खुद को आपके हाथों छोड़ देता हूं, आपको जो पसंद है, वही मेरे साथ करें। आप मेरे द्वारा जो कुछ भी करते हैं,उसके लिए धन्यवाद। मैं किसी भी चीज के लिए तैयार हूं, मैं सब कुछ स्वीकार करता हूं। बशर्ते कि आपकी इच्छा मुझमें और आपके सभी प्राणियों में पूरी हो। मुझे और कुछ नहीं चाहिए मेरे ईश्वर..."। संत पापा ने कहा कि यह प्रार्थना भी उनके चुनाव के क्षणों में और जीवन के चौराहे में उनकी प्रार्थना बन जाए। इस तरह वे अपने धर्मप्रांत में कलीसिया के सुसमाचार प्रचार गतिविधियों में अपना सहयोग दे पायेंगे। उनका धर्मप्रांत सहारा के भिक्षुओं के विश्वव्यापी भाईचारे को जीने की इच्छा को प्रकट करता है। संत पापा विशेष रूप से उन सभी स्काउट समूहों को याद करते हैं जिन्होंने खुद को चार्ल्स डी फौकॉल्ड के संरक्षण में रखा है।
पोप ने आगे कहा कि उनके धर्मप्रांत की संत बनने वाली धन्य मेरी रिविएर, बच्चों की शिक्षा के लिए समर्पित थी। उसने मरियम के समर्पण धर्समाज की स्थापना की। धर्मसमाज की धर्मबहनों से संत पापा की आशा है कि वे छोटे बच्चों के मन को ईश्वर की बातों के लिए, दूसरों की चिंता करने और सृष्टि की प्रशंसा के लिए खोलें। पोप की इच्छा है कि छोटे बच्चों को ईश्वर के प्रेम को बताने के इस विनम्र कार्य को करने के लिए कई युवतियाँ साहस के साथ आगे बढ़ेंगी। यह यह इच्छा आशा में निहित है जो निराश नहीं करती है। संत पापा ने विश्व में फैले इस धर्मसमाज की धर्मबहनों को माता मरियम के सुपुर्द किया कि वे बच्चों, युवाओं और बहिष्कृत लोगों की सेवा को जारी रखें।
अंत में, पोप ने कहा कि कि वे कलीसिया के लिए अधिक प्रेम के साथ रोम से विदा लें। कल का समारोह विश्वव्यापी कलीसिया की छवि प्रदान करेगा। पोप ने कहा, “मैं आपको "आपके" भविष्य के संतों, मेरी रिवियर और चार्ल्स डी फौकॉल्ड की विशेष मध्यस्ता में सौंपता हूं। वे सदैव आपके लिए प्रोत्साहन और प्रेरणा बने रहें। मैं आपको और आपके माध्यम से, आपके धर्मप्रांत के सभी विश्वासियों को हार्दिक आशीर्वाद देता हूं। कृपया मेरे लिए प्रार्थना करना न भूलें। धन्यवाद!”
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