Radio Veritas Asia Buick St., Fairview Park, Queszon City, Metro Manila. 1106 Philippines | + 632 9390011-15 | +6329390011-15
पोप ˸ बुजूर्ग, युवाओं के लिए विश्वास की मर्यादा बनाये रखें
पोप फ्राँसिस ने 4 मई को बुजूर्गों पर अपनी धर्मशिक्षा माला में बुजूर्गों को याद दिलाया कि विश्वास का उनका साक्ष्य युवाओं को दृढ़ता एवं साहस से भर देगा।
पोप फ्रांसिस ने अपने बुधवारीय आमदर्शन समारोह के अवसर पर संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रागंण में एकत्रित सभी विश्वासियों और तीर्थयात्रियों को संबोधित करते हुए कहा, प्रिय भाइयो एवं बहनो सुप्रभात।
बुजूर्गों पर धर्मशिक्षा माला के रास्ते पर, आज हम बाईबिल के एक पात्र एलियाजार से मुलाकात करेंगे, जो अंतियोकुस एपिफनेस के अत्याचार के समय था। उनकी छवि हमारे लिए बूढ़ापे की मर्यादा एवं विश्वास के प्रति सम्मान के बीच विशेष संबंध की गवाही देती है। पोप ने कहा, "मैं खासकर, विश्वास के सम्मान के बारे बोलना चाहूँगा, विश्वास की सुसंगतता, घोषणा और प्रतिरोध के बारे। विश्वास का सम्मान कई बार नियम की संस्कृति द्वारा दबाव के साथ आता है, यहाँ तक कि हिंसा के साथ भी, जो इसे एक पुरातात्विक खोज, एक पुराने अंधविश्वास, एक कालानुक्रमिक अंधश्रद्धा का रूप मानते हुए इसे नष्ट कर देना चाहता है।"
बाईबिल की कहानी में हमने एक पाठ सुना, जो बतलाता है कि किस तरह राजा के आदेश पर यहूदियों को, देवताओं को बलि चढ़ाने के लिए मजबूर किया था। जब एलियाजार की बारी आई जो एक सम्मानित वयोवृद्ध था, तो राजा के आदमी उन्हें ढोंग का सहारा लेने की सलाह देने लगे कि वह मांस खाये बिना, उसे खाने का बहाना करें। इससे एलियाजार बच जाते। उन्होंने कहा कि मित्रता के नाम पर वे उनकी सहानुभूति एवं स्नेह स्वीकार करें और आखिरकार, उन्होंने जोर देकर कहा कि यह एक छोटा, महत्वहीन चिन्ह है।
पोप ने कहा, "यह छोटी बात है किन्तु एलियाजार का शांत एवं दृढ़ जवाब एक तर्क पर आधारित है जो हमें प्रभावित करता है। इसका मुख्य विन्दु है ˸ बुजूर्ग अवस्था में विश्वास का अपमान, ताकि कुछ और दिन हासिल किया जा सके, इसकी तुलना आनेवाली पूरी पीढ़ी के युवाओं के लिए छोड़ी गई उनकी विरासत से नहीं जा सकती। एक बुजूर्ग व्यक्ति जिसने जीवनभर अपने विश्वास के अनुकूल जीवन जीया और अब यदि अपने लिए अनुचित स्वांग चुनता है, तो वह नई पीढ़ी द्वारा धिक्कारा जाएगा, यह कहते हुए कि विश्वास एक कल्पना मात्र है, एक बाहरी अवरण, जिसे त्यागा जा सकता है। इस तरह का व्यवहार विश्वास और ईश्वर को भी सम्मान नहीं देता, तथा इस बाहरी स्वांग का प्रभाव युवाओं को आंतरिक रूप से हानि पहुँचाता। अपनी सुसंगतता के कारण यह व्यक्ति युवाओं के लिए चिंता करता है, भावी विरासत के बारे सोचता और अपने लोगों का ख्याल रखता है।
पोप ने कहा, "यह वास्तव में बुजुर्ग अवस्था है – और यह बुजूर्गों के लिए सुन्दर है। यह गवाही देने का एक निर्णायक और अपूरणीय स्थल है। एक बुजूर्ग व्यक्ति जो अपनी कमजोरी के कारण, विश्वास के अभ्यास को अप्रासंगिक मानने के लिए सहमत होता है, तो युवा सोचेंगे कि विश्वास का, जीवन के साथ कोई वास्तविक संबंध नहीं है। यह उनके लिए शुरू से एक ऐसे व्यवहार के समान प्रतीत होगा जो नकली या स्वांग के समान लगेगा, अतः जीवन के लिए कुछ भी अधिक महत्वपूर्ण नहीं होगा।
प्राचीन ज्ञानवाद, जो अत्यन्त प्रभावशाली था और आरम्भिक ख्रीस्तीयों के लिए एक मोहक जाल भी, इसी सिद्धांत पर आधारित था, यह पुरानी बात है कि विश्वास एक आध्यात्मिकता है, अभ्यास नहीं, एक मानसिक ताकत है जीवन का रूप नहीं। इस विधर्म के अनुसार, निष्ठा और आस्था के सम्मान का, जीवन के व्यवहार, समुदाय के जीवन, शरीर के चिन्हों से कोई लेना-देना नहीं है। प्रलोभन का यह दृष्टिकोण मजबूत है क्योंकि यह अपने अनुसार एक निर्विवाद सत्य की व्याख्या देता है ˸ कि विश्वास को एक परहेज के नियम या सामाजिक अभ्यास के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। विश्वास एक दूसरी चीज है। समस्या यह है कि इस सच्चाई की रहस्यवादी कट्टरता ख्रीस्तीय धर्म के यथार्थवाद को समाप्त करता है। चूँकि ख्रीस्तीय विश्वास वास्तविक है, ख्रीस्तीय विश्वास केवल धर्मसार को दुहराना नहीं है बल्कि धर्मसार पर चिंतन करना है, उसे महसूस करना है और अपने हाथों से पूरा करना है। जबकि रहस्यवादी प्रस्ताव एक बहाना है, जो कहता है कि अपने अंदर आध्यात्मिकता होनी चाहिए उसके बाद आप कुछ भी कर सकते है। संत पापा ने कहा कि यह ख्रीस्तीय मनोभाव नहीं है यह ज्ञानवाद का पहला धर्मविरोध है जो इस समय कई आध्यात्मिक केंद्रों में अत्यन्त व्यवहारिक लगता है। वह उन लोगों के साक्ष्य को रिक्त करता है जो समुदाय के जीवन में ईश्वर का ठोस चिन्ह प्रकट करते हैं और शरीर के इशारों के माध्यम से मन की विकृतियों का विरोध करते हैं।
Add new comment