यूक्रेन: अनाज संकट की स्थिति, कीव में चीनी राजदूत

यूक्रेनी राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की के यूरोपीय मिशन के बाद, अब चीनी कीव और मास्को के बीच मध्यस्थता करने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे गेहूँ का निर्यात पुनः शुरू हो सके।

अगले दो महीनों में, दुनिया का अन्न भंडार माने जाने वाला यूक्रेन अपनी गेहूं का निर्यात फिर से शुरू करने लगेगा।

इस बात की पुष्टि तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने की,  जो काला सागर के माध्यम होने वाले वाणिज्यिक यातायात पर विशेष ध्यान देते हैं,  जहां से आनाज लदे जहाज विभिन्न देशों को प्रस्थान करते हैं। यूक्रेन से अनाज प्राप्त करने वाले अफ्रीकी देशों ने विकास की इस स्थिति से अपने लिए राहत का अनुभव किया है।

विदित हो कि बीजिंग के एक राजनेता ने कल यूक्रेनी नेताओं से मुलाकात की और वे अब रूस जाएंगे। वहीं, यूक्रेन में संघर्ष की खबरें सामने आती रहती हैं, जबकि अनाज आपूर्ति के संबंध में जुड़ा संकट आंशिक रूप से खुला कर दिया गया है।

यूक्रेन पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक हो रही है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय समुदाय की निगाहें चीनी राजनयिक मिशन पर टिकी हैं। बीजिंग के राजदूत ली हुई ने कल कीव में विदेश मंत्री कुलेबा से मुलाकात की, जिन्होंने पीपुल्स रिपब्लिक के राजदूत से इस बात की पुष्टि की कि यूक्रेन शांति प्रस्तावों को कभी स्वीकार नहीं करेगा जिसमें संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को त्याग देने की बातें शामिल हैं। इस संदर्भ में उन्होंने क्रीमिया और रूसी सैनिकों के कब्जे वाले डोनबास के क्षेत्रों पर भी अपने विचार स्पष्ट किये। इस संबंध में बीजिंग के राजनयिक ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “संकट के निदान हेतु कोई रामबाण नहीं है”, इसके समाधान के लिए सभों के प्रतिबद्धता की आवश्यकता है।

यूक्रेनी सैनिक बखमुत क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं, वहीं सिर्फ सौ मीटर की दूरी में शांति प्रगति की बात हो रही है, जबकि राजधानी कीव पर रूसी मिसाइलों की बारिश जारी है, जहां एंटी एयरक्राफ्ट से 24 घंटे शहर में बरसाये जा रहे बमों को बेअसर कर दिया गया है। सापेक्षिक क्षति केवल उन टुकड़ों के कारण हुई जो जमीन पर गिरे थे। ओडेसा और खेरसॉन में भी रूस ने बमबारी करना जारी रखा है जहाँ फिलहाल एक बच्चे सहित तीन लोगों के जाने जाने की खबर है।

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