Radio Veritas Asia Buick St., Fairview Park, Queszon City, Metro Manila. 1106 Philippines | + 632 9390011-15 | +6329390011-15
पवित्र सप्ताह का बुधवार
जय येसु की। ख्रीस्त में प्यारे भाइयों और बहनों। आज पवित्र सप्ताह का बुधवार है। आज की मिस्सा बलिदान के दौरान मनन- चिंतन के लिए माता कलीसिया नबी इसायाह की पुस्तक से एक पाठ प्रस्तुत करती है। यह पाठ दुःखित सेवक के चार गीतों में से एक है। जहाँ सेवक के कष्टों का उल्लेख किया गया है। जैसा की हम जानते हैं कि जीवन में सबकुछ एक लागत के साथ आता है। ईश्वर के सेवक होने के लिए भी एक बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है। हर समय और विशेष रूप से परिक्षाओं के समय में प्रभु के प्रति वफादार रहना आसान नहीं है। लेकिन नबी इसायाह साहसी प्रतीत होता है, जब वह कहता है कि उसने कोई प्रतिरोध नहीं किया परन्तु स्वेच्छा से अपनी पीठ मारने वालो के सामने कर दी। ऐसा करने का कारण यह है कि प्रभु उनके साथ है ऐसा उनका अटल विश्वास है। उसी दृढ़ विश्वास के साथ, भजनकार 68 में गाते हैं: हे प्रभु अपने महान प्रेम में उत्तर दें, मेरी प्रार्थनाओं का उत्तर दें।
कल हमने संत चौहन के अनुसार सुसमाचार में लिखे गये अंतिम भोजन और प्रभु येसु के द्वारा युदस इस्कारीयोती के विश्वासधात के बारे में सुना था। आज हम संत मत्ती के अनुसार उसका वर्णन सुनेंगे। येसु जानते थे कि बारहों में से एक उन्हें धोका देगा। यूदस इस्कारीयोती मुख्य साजकों के पास पहुंचकर विश्वासघात की प्रक्रिया शुरू करता है और विश्वासघात की कीमत पर बातचीत करता है।
संत मत्ती का कहना है कि वह अपने गुरुवर येसु को धोखा देने के लिए एक अवसर की तलाश में था। अपने हृदय की गहराई में प्रभु को लगता है कि मेरे दुःख उठाने का समय निकट आ गया है। शिष्य भी यह जानकर बहुत व्यथित हैं कि उनमें से एक येस को पकड़वा देगा। यह उनके लिए मानने योग्य नहीं था। संत योहन के सुसमाचार में प्रभु येसु एक राजा के समान वर्णित किये जाते है जो सब कुछ अपने अधीन में रखते है परन्तु संत मत्ती के सुसमाचार के अनुसार येसु के मानव रूप पर अधिक जोर दिया गया है। संत मत्ती विश्वासघात की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण कहते हैं और येसु यह कहते हैं कि यह बेहतर हो सकता था कि यूदस पैदा ही नहीं होता। हम में से कुछ लोग यह सवाल उठा सकते हैं कि संत योहन और मत्ती के अनुसार सुसमाचारों में प्रभु येसु के साथ घटी कुछ घटनाओं के वर्णन में फर्क क्यों होते हैं? उस प्रश्न का उत्तर साधारण है कि हर सुसमाचार के लेखक का देखने का तरिका अलग है। जैसे लोग ऑपरेशन के पहले मानव शरीर के भीतरी अगों का थ्री Dimension का दृश्य देखना चाहते हैं। ठीक उसी प्रकार सुसमाचार लेखक 4 Dimension दृश्य हमें दिखाते हैं। अपने दिल की गहराई से प्रभु जानते थे कि उनके जन्म का उद्देश्य क्या है तथा उनकी मृत्यु उउनके जीवन का अन्त नहीं है। बल्कि पूरे ब्रह्मान्ड के लिए एक नई शुरुआत है। सुसमाचार लेखक संत मत्ती के सुसमाचार की कुछ विशेषताएँ इस प्रकार है :
1. प्रभु येसु के साथ विश्वासघात करने का निर्णय युदस इस्कारीयोती का है। इसलिए वह मुख्ययाजकों के पास जाकर यह चर्चा करता है कि कब और कैसे विश्वासघात करेगा और उसके लिए कितना पैसा लेगा।
2. हम हमेशा एक सवाल उठा सकते हैं कि क्यों यूदस इस्कारीयोती ने येसु मसीह के खिलाफ इतना घोर अपराध किया? येसु और यूदस के बाच कोई व्यक्तिगत शत्रुता नहीं थी। हो सकता है कि यूदस ने येसु से यह अपेक्षा राखी कि वे यहूदी जनता को रोमन साम्राज्य की अधीनता से मुक्त करेंगे। लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ। हो सकता है कि यूदस में यह भी सोचा हो कि यदि येसु के साथ विश्वासघात किया गया तो वे क्रोधित हो जाएंगे और लड़ाई की प्रक्रिया शुरू कर देंगे। यह भी सच है कि उसे पैसों का लालच की कमजोरी थी। परन्तु यह मूर्खतापूर्ण लगता है कि कोई अपने गुरुवर से सिर्फ 30 चांदी के सिक्के जैसी मामूली रकम के लिए विश्वासघात करें। यूदस जैसे चतुर व्यक्ति से यह अपेक्षा नहीं की जा सकती है कि वह एक छोटी सी राशि के लिए ऐसा करेगा।
3. एक पापी महिला जो प्रभु से प्रेम करती थी, वह 300 दीनार का खर्चा करके सुगन्धित इत्र लाती है जबकि येसु का एक करीबी अनुयायी केवल 30 चाँदी के सिक्कों के लिए प्रभु को पकड़ता है। येसु के समय में यह रकम एक दास की कीमत थी।
(4.) यूदस जरूर शैतान के प्रभाव में था। यह निश्चित है कि जो व्यक्ति शैतान के अधीन है, वह अपने व्यक्तिगत लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार हो जाता है। अंत में हमें आत्मसमर्पण द्वारा यह स्वीकार करना पड़ेगा कि हमारे जीवन में सबकुछ ईश्वर की इच्छा के अनुसार हो। हम प्रार्थना करें की हम कभी भी बुरी शक्ति के चंगुल में न फँसे और ईश्वर की इच्छा के अनुसार जीवन जीने के लिए कृपा मांगे।
हमें बड़े विश्वास के साथ प्रार्थना करना ज़रूरी है कि हम सतर्क रहें और हर समय प्रार्थना करते रहें ताकि हम प्रलोभन से बचे रहें और प्रभु के साथ येरूसालेम जाए, प्रभु के साथ मरे और प्रभु के साथ जी उठे। पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा के नाम पर। आमेन।
Add new comment